हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने उम्मीद जताई है कि अक्टूबर महंगाई के आंकड़े 7% से नीचे रह सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि भारत के कुल माइक्रो इकोनॉमिक फंडामेंटल्स वैश्विक उतार-चढ़ाव के बीच मजबूत बने हुए हैं।
आम आदमी को महंगाई से जल्द मिलेगी राहत, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताई वजह
आकड़ो के अनुसार अक्टूबर में अंडे की कीमतों में 0.18% की गिरावट आई, जबकि तेल और वसा में 2.15% की गिरावट आई। वहीं चीनी और कन्फेक्शनरी सेगमेंट में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसके साथ ही सब्जियों में पिछले महीने की तुलना में 7.77%, अनाज से जुड़े उत्पादों में 12.08% और मसालों में 18.02% की तेजी देखी गई। दूध से जुड़े उत्पादों की कीमत में 7.69% उछाल और मांस व मछली की कीमतें 3.08% बढ़ी। इसके अलावा फलों की कीमतों में 5.20%, ईंधन की कीमतों में 9.93% की तेजी देखने को मिली है।
भारत की खुदरा महंगाई को कंज्यूमर प्राइस इंडैक्स (CPI) के द्वारा मापा जाता है, जिसमें सामान और सर्विस की खुदरा कीमतों के बदलाव को ट्रैक किया जाता है। CPI के आकड़े को गांव व शहरों के साथ पूरे भारत से सामानों के प्राइज लिए जाते हैं। एक निश्चित समय के दौरान प्राइस इंडेक्स में हुए बदलाव को CPI आधारित महंगाई या फिर खुदरा महंगाई कहा जाता है।