क्रेडिट कार्ड के बकाया का भुगतान नहीं करने से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट और स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। क्रेडिट रिपोर्ट में आपके पिछले बैंक से डिफॉल्ट पेमेंट के सेटेलमेंट का विवरण भी होता है। इसके अलावा इससे आप पर विलंब शुल्क ब्याज, ग्रेस पीरियड समाप्त होने पर पेनल्टी आदि का भार भी पड़ता है। अगर, आपका क्रेडिट रिपोर्ट ठीक नहीं है तो कोई भी बैंक आपको लोन देने में आनाकानी करेगा। वहीं, सही होने पर कम ब्याज दर पर लोन मिलेगा।
न्यूनतम राशि का भुगतान क्रेडिट कार्ड कंपनियां न्यूनतम राशि से कम अदा करने और कोई राशि अदा नहीं करने में कोई अंतर नहीं करती हैं। यदि आपने न्यूनतम जरूरी राशि से कम पैसा अदा किए हैं तो फिर आपका क्रेडिट स्कोर खराब होने से नहीं बच सकेगा। इस समस्या के समाधान के लिए आपको अपने बैंक खाते में कम से कम न्यूनतम जरूरी राशि अदा करने के लिए ऑटोमैटिक मासिक पेमेंट करना होगा। इससे आपको भुगतान का समय भूलने के जोखिम से भी छुटकारा मिल जाएगा।
क्रेडिट कार्ड की अधिकतम सीमा तक प्रयोग आपको इस बारे में संयत होना चाहिए कि आप क्या खर्च उठा सकते हैं और अपनी मासिक किस्त और क्रेडिट कार्ड के खर्च अधिकतम सीमा तक न ले जाएं। कार्ड का जरूरत से ज्यादा प्रयोग करने पर आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ता है।
कई कार्ड लेकिन इस्तेमाल नहीं करना अगर आपके पास कई क्रेडिट कार्ड है लेकिन उनमें से एक का ही इस्तेमाल करते हैं तो भी लेंडर बाकी क्रेडिट कार्ड को संभावित कर्ज के रूप में देखता है। इसलिए केवल वो क्रेडिट कार्ड रखें कम समय में लगातार नए क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन देते हैंए तो इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ता है।
स्टेटमेंट की अनदेखी क्रेडिट कार्ड के मंथली स्टेटमेंट की अनदेखी कभी न करें। इससे आपको यह भी पता लगता है कि आपको किस अनावश्यक चीज पर अपना पैसा खर्च किया है। साथ ही मासिक स्टेटमेंट से आपको यह भी जानकारी मिलेगी कि कहीं आपका पैसा किसी ऐसी चीज के लिए तो नहीं काटा गया है जो आपने खरीदी ही नहीं है। क्रेडिट कार्ड को एटीएम से कैश निकालने के लिए यूज ने करें।
उपरोक्त के अलावा, यह ध्यान रखना भी आवश्यक है कि आप अपने क्रेडिट कार्ड रिपोर्ट की नियमित जांच करें और सुनिश्चित करें कि पूरी जानकारी सही है। सभी लेंडर्स को अपनी नवीनतम संपर्क जानकारी उपलब्ध कराएं। इससे सुनिश्चित होगा कि आपके क्रेडिट कार्ड बिल और मौजूदा पते पर पहुंच रही हैं। इससे क्रेडिट कार्ड कंपनियां नवीनतम जानकारी ब्यूरो में जमा कराने में भी सक्षम होंगी।