
Fitch Solutions Said, India may miss its fiscal deficit target in current financial year 2021-22
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के प्रकोप से भारत की अर्थव्यवस्था पर नाकरात्मक प्रभाव पड़ा है। बिगड़ती अर्थव्यवस्था के बीच लगातार राजकोषीय घाटा बढ़ता ही जा रहा है। इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, फिच सॉल्यूशन ने शुक्रवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि भारत चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2021 से लेकर मार्च 2022) में अनुमानित राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने से चूक सकता है।
फिच ने के मुताबिक, सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटा उसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले 6.8 फीसद रहने का अनुमान लगाया है। लेकिन, सरकार कोरोना संकट के वजह से अनुमानित राजकोषीय घाटा के लक्ष्य को हासिल करने से चूक सकती है। बता दें कि सरकार की कुल प्राप्तियों (टैक्स कलेक्शन व अन्य आय) और कुल व्यय के अंतर को राजकोषीय घाटा अथवा वित्तीय घाटा कहते हैं।
जीडीपी का 8.3 फीसदी रह सकता है राजकोषीय घाटा
फिच सॉल्यूशन ने अनुमान व्यक्त करते हुए कहा है कि भारत सरकार का राजकोषीय घाटा 2021- 22 की समाप्ति पर जीडीपी का 8.3 फीसदी रह सकता है। फिच के मुताबिक, राजकोषीय घाटा बढ़ने का मुख्य कारण राजस्व प्राप्तियों में कमी आना होगा। हमारा अनुमान है कि सरकार इस दौरान अपने खर्च के लक्ष्य को बनाए रखेगी।
इससे पहले फिच सॉल्यूशन ने भारत का राजकोषीय घाटा आठ फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। एजेंसी ने कहा है कि राजकोषीय घाटे में संशोधन की मुख्य वजह राजस्व परिदृश्य में गिरावट आना है। चूंकि भारत में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों को लेकर लॉकडाउन लगाया जा रहा है। ऐसे में भारत की आर्थिक सुधार की गति प्रभावित होगी। इसका राजकोषीय राजस्व की प्राप्ति पर नकारात्मक असर होगा।
जानकारी के अनुसार, इस वित्त वर्ष में सरकार का खर्च 34.8 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित स्तर के आसपास रहने की उम्मीद है। इसके विपरीत सरकार की राजस्व प्राप्ति उसके बजट अनुमान 17.8 लाख करोड़ रुपये से कम रहकर 16.5 लाख करोड़ रुपये रह जाने का अनुमान है।
Updated on:
07 May 2021 04:56 pm
Published on:
07 May 2021 04:40 pm
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