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मंत्रालय के अधिकारी ने दी जानकारी
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, “हम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शेयरों को लेकर ईटीएफ लाने के बारे में सुझाव के लिए जल्द ही परामर्श नियुक्त करेंगे। सलाहकार इसमें वित्तीय संस्थानों तथा बीमा कंपनियों के भी शेयर इसमें शामिल करने की व्यवहार्यता पर गौर करेगा।” बताते चलें कि सरकार ने भारत-22 ईटीएफ की दो किस्तों तथा अतिरिक्त कोष पेशकश के माध्यम से 32,900 करोड़ रुपये जुटाए हैं। सीपीएसई ईटीएफ के जरिये पांच किस्तों में 38,000 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। अधिकारी ने यह भी जानकारी दी कि आने वाले समय में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बही-खातों को मजबूत करने की उम्मीद करते हैं। ईटीएफ उन निवेशकों को विभिन्न बैंकों का शेयर एक वित्तीय उत्पाद के जरिये लेने का विकल्प देगा, जो जोखिम लेने से बचते हैं।’
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कौन सी सरकारी कंपनियों हैं लिस्टेड
वर्तमान में दो सरकारी बीमा कंपनियां (जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड) और 19 सरकारी बैंकों के शेयर्स लिस्टेड हैं। इसे अतिरिक्त, वित्तीय संस्थान आईएफसीआई भी घरेलू शेयर बाजार में लिस्टेड है। भारत-22 ईटीएफ 2017-18 में शुरू किया गया। इसमें 16 केंद्रीय लोक उपक्रम हैं। इसमें तीन सरकारी बैंक तथा तीन निजी क्षेत्र की कंपनियां हैं जहां सरकार की अल्पांश हिस्सेदारी है। वहीं, सीपीएसई-ईटीएफ में ओएनजीसी, कोल इंडिया, इंडियन ऑइल, पावर फाइनैंस जैसी 11 कंपनियों के शेयरों को रखा गया है।
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