गौरतलब है कि पीएफ के नए नियमों के खिलाफ सोमवार से ही बेंगलुरु में प्रदर्शन शुरू हो गया था। जो मंगलवार को हिंसक हो गया। भीड़ ने कई इलाकों में तोडफ़ोड़ के साथ ही पुलिस के वाहन और 15 बसों को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान बेंगलूरु-मैसूर हाईवे जाम रहा। पुलिस को हवाई फायर भी करनी पड़ी। भीड़ ने कई निजी दफ्तरों और फैक्ट्रियों में भी जमकर तोडफ़ोड़ की।
दूसरी बार मुंह की खाई 29 फरवरी को बजट में वित्त मंत्री ने ईपीएफ, पीपीएफ और नेशनल पेंशन स्कीम से निकाले जाने वाली रकम के 60 फीसदी हिस्से पर टैक्स लगाने की बात कही थी। बाद में इसे रद्द करना पड़ा था।
पहले 3 माह टाला देश भर में पीएफ के नए नियमों का विरोध देखते हुए नोटिफिकेशन पर 31 जुलाई तक रोक। फिर दी ये ढील बच्चों की शादी, पढ़ाई, बीमारी और घर निर्माण के लिए पूरा पैसा निकालने की छूट के सहारे दी ढील।
…और अंत में रद्द देर रात मजदूरों की मांग का हवाला देते हुए नोटिफिकेशन को किया रद्द। पुरानी व्यवस्था बरकरार। कुछ ऐसे की थी दत्तात्रेय ने लुभाने की कोशिश बच्चों की शादी
पहले बच्चों की शादी के लिए 50 प्रतिशत हिस्सा निकाला जा सकता था। नियमों में बदलाव के बाद बच्चों की शादी के लिए पूरा पैसा निकाला जा सकेगा। गंभीर बीमारी गंभीर बीमारी के लिए पैसा निकालने की छूट पहले भी थी। अब परिवार के किसी सदस्य को टीबी, कैंसर, लकवा जैसी स्थिति में पूरा पैसा निकालने की छूट।
पढ़ाई के लिए भी बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसा निकालने का नियम नहीं था। अब बच्चे यदि मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसी पढ़ाई कर रहे हैं तो पैसा निकाला जा सकता है। मकान निर्माण
मकान निर्माण के लिए पहले अकाउंट होल्डर कुछ पर्सेंट ही निकाल सकते थे। लेकिन अब मकान निर्माण करवाने के लिए पूरा पैसा निकलवाने की छूट होगी। हम पीएफ से पूरे पैसे की निकासी पर रोक संबंधी नोटिफिकेशन को कैंसल कर रहे हैं। अब पुरानी व्यवस्था ही लागू होगी। मजदूरों की मांग थी और उनके लिए मैंने रोलबैक किया है।
बंडारू दत्तात्रेय, केंद्रीय श्रम मंत्री