8 करोड़ लोगों की छिन सकती है नौकरी, कंपनियां लागत घटाने के लिए कर रही हैं ऑटोमेशन
फुलटाइम एम्प्लाई की संख्या कम से कम होकिसी भी बिजनेस की शुरूआत में फुलटाइम कर्मचारी रखना आपके लिए घाटे का सौदा हो सकता है। इसके बजाय बेहतर होगा कि आप फ्रीलांसर्स से काम करवाएं। इसमें आपके ऊपर कोई जिम्मेदारी नहीं आती और काम खत्म होने के बाद आपको अनावश्यक सैलेरी का भुगतान नहीं करना होता है।
यदि आप चाहें तो अपने काम के लिए प्रीमियम सॉफ्टवेयर्स काम ले सकते हैं परन्तु इससे आपका खर्चा ही बढ़ेगा। उदाहरण के लिए आपके पास पांच लैपटॉप है जिनमें आपको विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम तथा एमएस ऑफिस इंस्टॉल करवाना है तो इससे आपका प्रत्येक मशीन पर लगभग चार से आठ हजार रुपए का खर्चा बढ़ जाएगा। जबकि यदि आप विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के बजाय फ्री या ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर जैसे लिनक्स, उबन्टू काम में लें तो आपका यह पूरा पैसा बचेगा और आप इसे किसी दूसरी उपयोगी जगह पर खर्च कर पाएंगे।
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रिफर्बिश्ड मशीन्स का करें उपयोगनई और रिफर्बिश्ड मशीनों में सबसे बड़ा अंतर यही है कि नई मशीनें बिल्कुल न्यू होती हैं जबकि रिफर्बिश्ड मशीन्स वो हैं जिनमें कोई मामूली डिफेक्ट था, जिसके कारण यूजर ने उन्हें खरीदने के बाद वापस लौटा दिया। कंपनी इन्हीं मशीन्स को फिर से सही करके रिचैक करती हैं और उसके बाद सस्ते दामों में बाजार में निकाल देती है। इन पर भी न्यू मशीन्स के समान ही गारंटी और बाकी ऑफर्स मिलते हैं लेकिन दोनों की कीमतों में अंतर आ जाता है। अगर आपको एक नया लैपटॉप चालीस हजार का पड़ रहा है तो उसी ब्रॉन्ड और कन्फीगरेशन वाला रिफर्बिश्ड लैपटॉप आपको 25 से 35 हजार रुपए के बीच मिल जाएगा।
जिस तरह एक ही रूम में कई लोग शेयरिंग बेसिस पर रह कर अपने कमरे का किराया कम कर सकते हैं, उसी प्रकार आप भी शेयरिंग ऑफिस में अपना सैटअप स्टार्ट कर सकते हैं। इससे आपको ऑफिस खरीदना नहीं पड़ेगा और न ही आपको ज्यादा किराया देना होगा। यहां भी आपको ऑफिस में मिलने वाली सभी सुविधाएं मिलेंगी परन्तु वहां पर आप अकेले नहीं होंगे वरन किसी दूसरी कंपनी का भी ऑफिस हो सकता है।