script2019 में मोदी का प्रधानमंत्री बनना जरूरी, वर्ना देश को होंगे ये बड़े नुकसान | India growth story would be damage if modi not elected as PM in 2019 | Patrika News
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2019 में मोदी का प्रधानमंत्री बनना जरूरी, वर्ना देश को होंगे ये बड़े नुकसान

CLSA के क्रिस्टोफर वुड ने अपने विकली नोट ग्रीड एंड फीयर में कहा है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर से पीएम नहीं तो भारत को बड़ा झटका लग सकता है।

Apr 23, 2018 / 12:55 pm

Saurabh Sharma

chris wood

christopher wood

नई दिल्‍ली। जिस तरह से भारत की अर्थव्‍यवस्‍था चल रही है उस हिसाब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दूसरा कार्यकाल मिलना काफी जरूरी है। तभी की अर्थव्‍यवस्‍था को लाभ मिल सकेंगे जो मिलने चाहिए। वर्ना देश को काफी नुकसान होने की संभावना है। यह हमारा नहीं बल्कि दुनिया के बड़े ब्रोकरेज हाउस सीएलएसए (CLSA) के इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट क्रिस्टोफर वुड का कहना है। क्रिस्टोफर वुड ने अपने विकली नोट ग्रीड एंड फीयर में कहा है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर से पांच साल के लिए प्रधानमंत्री नहीं बनते हैं तो भारत की ग्रोथ स्टोरी को बड़ा झटका लगने के आसार हैं।

वर्ना लुढ़क जाएगा मार्केट
नरेंद्र मोदी के पीएम नहीं चुने जाने पर शेयर बाजार में भारी गिरावट आने संभावना है। साथ ही रुपए में कमजोरी भी आ सकती है। शेयर बाजार और म्युचूअल फंड्स के निवेश पर भी कम रिटर्न मिलने की उम्‍मीद है। साथ ही, रुपए में कमजोरी से महंगाई बढ़ने की भी संभावना है। वहीं रुपए में कमजोरी आने से विदेशों से क्रूड खरीदना महंगा हो जाएगा। जिससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भी तेजी आएगी। जिसके बाद ट्रांसपोर्टेशन चार्ज बढ़ने से खाने-पीने से लेकर बाकी चीजों की कीमतों में इजाफा हो जाएगा।

होगा इन्वेस्टमेंट
क्रिस्टोफर वुड ने अपने नोट में लिखा है कि भारत में इन्वेस्टमेंट साइकल फिर से शुरू हो रहा है। जिससे बैंकिंग सिस्टम के एनपीए को सुधार करने में मदद मिलेगी। सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन प्रयासों के अच्छे नतीजे कब तक सामने आएंगे और सरकार अपने स्तर पर इकोनॉमी को बेहतर बनाने से जुड़े फैसलों को कितनी ताकत और सक्रियता से लागू करती है।

पीएम मोदी की वजह से बढ़ेगा स्‍टॉक मार्केट
क्रिस्टोफर वुड के नोट के अनुसार अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 के चुनावों में जीत हासिल कर दोबारा प्रधानमंत्री बनते हैं तो लांग टर्म में भारतीय शेयर बाजार सबसे ज्यादा मुनाफा दिलाने वाले होंगे। उनके अनुसार पहले 6 महीनों में अच्‍छे प्रदर्शन कोई उम्‍मीद नहीं है। वुड का मानना है कि भारतीय बाजारों की चाल करेंसी और कच्चे तेल की कीमतों पर भी निर्भर करेगी।

केंद्र भी है गंभीर
वुड के अनुसार केंद्र सरकार ने इस वित्त वर्ष के लिए 3.3 फीसदी का फिस्कल डेफिसिट टारगेट तय किया है। इससे पता चलता है कि सरकार इस मामले में गंभीर है। कुछ लोगों का कहना है कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले मोदी ‘पॉपुलिस्ट’ लीडर बन सकते हैं, लेकिन यह उनके राजनीतिक आदर्शों के खिलाफ होगा। मोदी ऐसे नेता हैं, जिनकी दिलचस्पी विकास और निवेश को बढ़ावा देने में रही है। वह सब्सिडी पॉलिटिक्स में यकीन नहीं करते।

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