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लालू यादव की राह पर Indian Railway, कुछ इस तरह से लड़ेगा कोरोना से जंग

अप्रैल-मई में Railways Earning में 58 फीसदी की गिरावट आने बाद लिया गया निर्णय
Railway’s Financial Commissioner ने खर्चों को कम करने के सुझाव सभी Zone के GM को भेजे

Jun 23, 2020 / 02:42 pm

Saurabh Sharma

Indian railway

Indian Railways will reduce cost selling from engine to Stationery

नई दिल्ली। कोरोना वायरस लॉकडाउन ( Coronavirus Lockdown ) में स्पेशल ट्रेनों और बाकी इंजेंशियल सामानों में पूरे देश में पहुंचाने का काम कर रहा है। इसके बाद भी कोरोना के कारण रेलवे की कमाई ( Indian Railway Earning ) में भारी गिरावट देखने को मिली है। जिसकी वजह से रेलवे ने खर्चों में कटौती ( Indian Railway Expensive Cut ) करने का फैसला कर लिया है। जहां रेलवे ने डीजल इंजनों ( Railway Diesel Engine ) को बेचकर डीजल खर्च कम करने का प्लान बनाया है। वहीं दूसरी ओर स्टेशनी में इस्तेमाल होने वाले सामान में भी कटौती करने को कहा गया है। रेलवे के फाइनेंशियल कमिश्नर ( Railway’s Financial Commissioner ) ने खर्चों को कम करने के सुझाव सभी जोन के आलाधिकारियों को जारी कर दिए हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि रेलवे किन तरीकों से अपने खर्चों में कटौती करने जा रहा है।

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कुछ यूं होगी रेलवे खर्चों में कटौती
– फ्यूल बचाने के तहत सभी जोन को नॉन ट्रैक्शन एनर्जी की खपत 25 फीसदी कम करने को कहा गया है।
– सालाना जीएम इंस्पेक्शन में कम लोगों की मौजूदगी करने को कहा गया है।
– फाइल भेजने के लिए स्टाफ नहीं ई-डाक या ई-ऑफिस का प्रयोग करने को बोला गया है।
– फर्नीचर, अतिरिक्त व्हीकल, कंप्यूटर, प्रिंटर का प्रयोग कम करने को कहा गया है।
– उद्घाटन और सेरीमोनियल कार्यक्रम को ऑनलाइन तरीके से करने को कहा गया है।
– कैश अवार्ड सीमित करने, एंटरटेनमेंट, पब्लिसिटी, ट्रेवल और मीटिंग्स को कम करने को बोला गया है।

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स्टाफ में भी कटौती
– सेफ्टी से जुड़े नए पदों को छोड़कर कोई भी दूसरे पद न बनाए जाएं।
– पिछले 2 साल में बनाए गए नए पदों को रिव्यू करें और नई भर्तियों पर रोक लगाई जाए।
– ओटी और टीए अलाउंस को 50 फीसदी और दूसरे अलाउंस को 30 से 50 फीसदी तक कम करें।
– 31 साल से पुराने डीजल लोको को बेचें।
– वित्त वर्ष 2018-19 के फाइनेंशियल ईयर से पहले के सभी कॉन्ट्रैक्ट्स जन्हें 2 साल से कम अवधि में काम पूरा करना था, खत्म करें।
– जब तक फंड न हो तब तक कोई प्रपोजल या टेंडर को अनुमति न दें।
– ज़ोन में होने वाले काम में कटौती करें, सिर्फ ज़रूरी आइटम को ही तरजीह दें।

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