इन कंपनियों ने कहा कि फिल्पकार्ट, अमेजन और स्नैपडील जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स बेहद कम दाम पर उनका सामान बेच रही हैं। ये नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। इससे बाजार में रिटेल में मौजूद उनका सामान सही से बिक नहीं रहा है। करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा रहा है। इतना ही नहीं, कंपनियों ने कहा कि जिन कीमतों पर वे डिस्ट्रीब्यूटर्स और सेलर्स को सामान बेचती हैं उससे भी कम दाम (10 से 15 फीसदी कम कीमत) पर ये कैसे सामान बेच सकते हैं।
एलजी, वीडियोकॉन ने ट्रेड पार्टनर्स को दी चेतावनी एलजी ने अपने ट्रेड पार्टनर्स को एक लेटर भेजकर उपभोक्ता को इस बात के लिए सावधान करने को कहा है कि इतने कम दाम पर बिकने वाले प्रोडक्ट्स नकली हो सकते हैं। वीडियोकॉन ने भी ट्रेड पार्टनर्स को चेतावनी दी है कि अगर वे ऑनलाइन बिक्री करते हैं तो उन्हें ऑफलाइन मार्केट के बराबर कीमत रखनी होगी। ऐसा नहीं करने पर उन्हें सप्लाई बंद की जा सकती है। वीडियोकॉन विज्ञापनों और अपनी वेबसाइट के जरिए कन्ज्यूमर्स को यह जानकारी दे रही है कि ऑनलाइन खरीदे जाने वाले एलईडी टीवी, वॉशिंग मशीन और रेफ्रीजरेटर पर कोई वॉरंटी नहीं है।
कंपनियों ने कहा, हमारी कीमत पर बेचें सामान वीडियोकॉन के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सी एम सिंह ने कहा कि हम ऑनलाइन प्लेटफॉम्र्स के साथ बिजनेस करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें कम प्राइसिंग को छोड़कर एक ऑल्टरनेट सेल्स चैनल की तरह काम करना होगा। भारी डिस्काउंट देना ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस पर सरकार की गाइडलाइंस का उल्लंघन है। सरकार ने साल की शुरुआत में कहा था कि कॉम्पिटिशन का समान माहौल बरकरार रखना चाहिए। ऑफलाइन रिटेलर्स का कहना है कि भारी डिस्काउंट जारी रखेंगे।
आखिर नुकसान उपभोक्ता को ही ई-कॉमर्स वेबसाइट्स और कंपनियों के बीच इस तनातनी में नुकसान उपभोक्ता हो ही होना है। उपभोक्ता उत्पाद ऑनलाइन खरीदें तो वारंटी नहीं मिलेगी और अगर रिटेलर से खरीदे तो उस दामों में मिल रही छुट गंवानी होगी। इस स्थिति में उपभोक्ताओं के लिए दुविधा की स्थिति उत्पन्न हो गई है। दोनों ओर से नुकासन उसी का है।