फाइनेंस

लाखों लोगों की टूटी उम्मीदें, लोन और ईएमआई पर कोई राहत नहीं

क्या एफएम और आरबीआई के बीच नहीं बनी सहमति?
मिनिस्ट्री की ओर से आरबीआई को दिया था सुझाव
कई संगठनों की ओर से की गई थी लोन अवधि में छूट की मांग

Mar 26, 2020 / 06:58 pm

Saurabh Sharma

Millions hopes Broken by govt, no relief on loan and EMI

नई दिल्ली। देश के मिडिल क्लास लोगों को देश की वित्त मंत्री से काफी उम्मीदें थी कि इकोनॉमिक पैकेज में लोन रीपेमेंट और ईएमआई की अवधि में छूट दी जाएगी, लेकिन सरकार की ओर से ऐलान बिल्कुल भी नहीं हुआ। यह देश के उन लोगों के लिए काफी बड़ा झटका है जो मिडिल क्लास हैं और जिनपर लोन चुकाने का प्रेशर रहता है। वहीं छोटे कारोबारियों को भी बड़ा झटका है, जिन्होंने लोन लिया हुआ है लेकिन प्रोडक्शन ना होने की वजह से उन्हें समस्या का सामना करना पड़ रहा है। हाथों और अकाउंट तकरीबन खाली हो रहे हैं या फिर हो चुके हैं।

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अब समय पर करना होगा ईएमआई और लोन रीपेमेंट
देश के लाखों लोगों को अपने लोन की रीपेमेंट और सभी तरह की ईएमआई समय पर ही चुकानी होगी। किसी भी तरह का डिले आपके लिए घातक साबित हो सकता है। बैंक आप पर कार्रवाई भी कर सकता है। जिसकी वजह से लोन क्रेडिटीबिलिटी नेगेटिव हो सकती है और क्रेडिट स्कोर भी प्रभावित हो सकता है। ऐसे में आपका अगर कोई पर्सनल लोन, कार लोन, क्रेडिट कार्ड आदि जिस भी तरह की ईएमआई और लोन रीपेमेंट है, वो सब समय पर ही चुकाना होगा।

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क्या आरबीआई और मंत्रालय के बीच नहीं बनी सहमति?
सवाल सबसे बड़ा यह है कि क्या सरकार और रिजर्व बैंक के बीच इस बारे में सहमति नहीं बन सकी है? वास्तव में फाइनेंस मिनिस्ट्री की ओर से आरबीआई को पत्र लिखा गया था। जिसमें कहा गया था कि सिस्टम में तरलता बनाए रखने पर जोर दिया हैै। वहीं पत्र में राहत की बात भी कही गई है। लेटर में कहा गया है कि देश के आम लोगों और कंपनियों को कोरोना वायरस की वजह से काफी लॉस हो रहा है। कमाई करने के साधन बंद हो रहे हैं। ऐसे में आरबीआई की ओर से राहत मिलना काफी जरूरी है।

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लोन पर छूट की मांग
देश की कई संस्थाओं ने लोन के भुगतान की अवधि में छूट की डिमांड की थी। सीआईआई ने मांग की थी कि देश के लोगों को हर तरह के लोन और सभी रीपेमेंट का भुगतान करने के लिए तीन महीने की छूट दी जाए। वहीं फिक्की की ओर से दो तिमाही तक छूट की मांग की है। अगर लोगों को इस तरह की छूट मिलती है तो बैंकों पर इसका नेगेटिव इंपैक्ट पड़ सकता है, लेकिन मौजूदा सिचुएशन को देखते हुए कारोबार को बचाए रखना काफी जरूरी है।

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