सैलरी अकाउंट से जुड़ी ये महत्वपूर्ण बातें कर्मचारियों के वेतन के हिसाब से भिन्न-भिन्न वेतन खाते होते हैं। अगर बैंक की बात करें तो यहां, प्रीमियम वेतन खाता, नियमित वेतन खाता, डिफेंस वेतन खाता आदि हैं। जानते हैं, सैलरी अकाउंट के विषय में ये महत्वपूर्ण बातें….
-जीरो बैलेंस खाता इस खाते की खासियत है कि यह एक ऐसा वेतन खाता है जिसमें न्यूनतम राशि बनाए रखने की जरूरत नहीं होती। जहां कि अन्य खातों में न्यूनतम राशि बनाए रखना अनिवार्य होता है। इसमें तरजीही सेवा और क्रेडिट कार्ड व ऋण की आसान उपलब्धता, निकासी, ओवरड्रॉफ्ट सुविधा, डीमैट खाता आदि पर अन्य सेवाएं होंगी। खाते में राशि पर कोई ब्याज भुगतान नहीं होता। वहीं बचत खाते में राशि पर 4 से 6 फीसदी ब्याज देना पड़ता है, जो कि बैंक पर निर्भर करता है कि आप कहां पर खाता खुलवाते हैं।
READ: अगर बैंक में है ज्वाइंट अकाउंट तो मिलेंगे ये फायदे -क्रेडिट जरूरी अगर वेतन 3 महीने तक क्रेडिट नहीं होती है तो बैंक की ओर से इसे बचत खाता समझा जाता है। ऐसे मामलों में, आपको बैंक की ओर से निर्दिष्ट न्यूनतम राशि को बनाए रखना पड़ता है, लेकिन आरबीआई की ओर से जारी आदेश के बाद अब न्यूनतम राशि से खाते में राशि कम हो जाने पर भी किसी प्रकार का शुल्क नहीं लगेगा।
READ: जानिए, फोन पर मुफ्त 4जी इंटरनेट और अनलिमिटेड कॉल्स पाने का तरीका – प्रतिपूर्ति खाता प्रतिपूर्ति खाता का प्रस्ताव कॉरपोरेट के कर्मचारियों को दिया जाता है जिनका पहले से ही वेतन खाता होता है। कर्मचारियों की ओर से वेतन के भुगतान के अलावा अन्य प्रतिमान इस खाते की ओर से की जा सकती है।