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SBI की रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि 7 मई को भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर अपने पीक पर पहुंच गई थी। एक अनुमान के अनुसार, भारत जुलाई के तीसरे सप्ताह के आसपास लगभग 10 हजार मामलों तक पहुंच सकता है। वहीं अगस्त माह के दूसरे पखवाड़े तक कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं।
दूसरी लहर जितनी हो सकती है गंभीर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक आंकड़ों से ये पता चलता है कि तीसरी लहर की पीक के दौरान दूसरी लहर की तुलना में अधिक लोग संक्रमित होंगे। बैंक की ओर जारी रिसर्च रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लहर का असर करीब 98 दिनों तक रह सकता है। ये दूसरी लहर की तरह गंभीर हो सकती है। हालांकि, सरकार की ओर से चल रहे वैक्सीनेशन अभियान का भी फायदा मिलेगा। इस लहर में मृतकों की संख्या दूसरी लहर की तुलना कम हो सकती है।
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बच्चे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं
इसके अलावा तीसरी लहर का असर बच्चों पर भी पड़ सकता है। ऐसे में सभी लोगों की प्राथमिकता इस समय वैक्सीनेशन पर अधिक होनी चाहिए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार देश में 12-18 साल की उम्र के 15-17 करोड़ बच्चे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में भी विदेशों की तरह बच्चों को वैक्सीनेशन देने की रणनीति बनानी चाहिए।