संस्थान के सीईओ अदार पूनावाला ने इसका ऐलान कर कहा कि ‘आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित करना रणनीतिक रूप से सबसे अहम है। लंबे समय से ग्राहक के रूप में, हम उनकी शीशियों और सीरिंज का उपयोग टीकों को स्टोर करने के लिए करते हैं। इसमें कोविशील्ड भी शामिल है।’
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गौरतलब है कि स्कॉट काइशा कंपनी, फार्मास्यूटिकल इंजेक्शनों के लिए ट्यूबलर ग्लास से बनी प्राथमिक पैकेजिंग को लेकर देश में बड़ी आपूर्तिकर्ता है। कंपनी की स्थापना 1990 में काइशा मैन्युफैक्चरर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से मुंबई में अच्छी गुणवत्ता वाले फार्मास्यूटिकल कंटेनर निर्माता के रूप में हुई है।
गौतलब है कि साल 2008 में काइशा ने अंतरराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी समूह और फार्मास्यूटिकल पैकेजिंग के मामले में दुनिया की प्रमुख निर्माताओं में से एक जर्मनी की स्कॉट (SCHOTT) से हाथ मिलाया था। स्कॉट का मुख्यालय जर्मनी के मेंज शहर में है।
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इस सौदे में सीरम संस्थान और स्कॉट काइशा की ओर जारी किए गए संयुक्त बयान में किसी तरह की वित्तीय जानकारी साझा नहीं करी गई है। गौरतलब है कि मई में स्कॉट कइशा ने एक साक्षात्कार में कहा था कि वर्ष 2021-22 के लिए हमें कोविड-19 टीके रखने के लिए 38 करोड़ से अधिक शीशियों की बिक्री की उम्मीद है। गौरतलब है कि बीते साल यह संख्या 11 करोड़ से कुछ अधिक रही थी।