यह भी पढ़ेंः- एनसीएलटी कानून में रियल एस्टेट कंपनियों की सुनवाई नहीं: क्रेडाई
इन्होंने दिया यह आदेश
अथॉरिटी ऑफ अडवांस रूलिंग्स की महाराष्ट्र बेंच ने आदेश देते हुए कहा कि अब बच्चे को गोद लेने पर अब किसी तरह का जीएसटी नहीं लगाया जाएगा। अथॉरिटी ऑफ अडवांस रूलिंग्स ने अडॉप्शन एजेंसी नेरुल चैरिटेबल ट्रस्ट की दलील पर सुनाते हुए कहा कि बच्चे कोई वस्तु या सेवा नहीं है। अगर कोई एजेंसी या संस्था बच्चे अडॉप्शन की प्रक्रिया से जुड़ी हुई है तो वो बच्चा गोद लेने वाले को कोई सर्विस नहीं दे रही है।
यह भी पढ़ेंः- बजाज ऑटो की बिक्री अक्टूबर में 14 फीसदी की गिरावट
आदेश से पहले यह था नियम
अथॉरिटी ऑफ अडवांस रूलिंग्स की महाराष्ट्र बेंच के आदेश आने से पहले अगर कोई बच्चा गोद लेता है तो उसे 40 हजार रुपए शुल्क के रूप देने होते थे। कानूनी शुल्क अधिकतम 20 फीसदी यानी 8 हजार रुपए तक हो सकता है। विदेशी अगर यहां के किसी बच्चे को गोद लेना चाहता है तो उसे 5 हजार डॉलर शुल्क देना होता है। जानकारी के अनुसार 2015 में बच्चा गोद लेने को लेकर नियमों में बदलाव हुए थे। पूरे प्रोसेस को ऑनलाइन तैयार किया था। महिला और बाल विकास मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में एक बच्चे के अडॉप्शन के लिए करीब 10 माता-पिता तैयार हैं।