
delhi metro
नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) के लोगो (प्रतीक चिह्न) हर जगह प्रचलित हो चुका है। शहर की बड़ी आबादी इसे पहचानती है। इस प्रतीक का जन्म बड़े रोचक तरह से हुआ। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) की वाणिज्यिक सेवा 25 दिसंबर 2002 को शुरू की गई थी लेकिन इसकी स्थापना वर्ष 1995 में की गई थी।
शाहदरा से तीस हजारी के बीच पहली सेवा
दिल्ली मेट्रो ने अपनी पहली सेवा शाहदरा से तीस हजारी के बीच शुरू करी थी। इसमें छह स्टेशन थे और यह 8.2 किलोमीटर की दूरी तय करती थी। अब यह नेटवर्क 390 किलोमीटर तक हो गया है। इसमें 285 स्टेशन (नोएड-ग्रेटर नोएडा मेट्रो और गुरुग्राम का रैपिड मेट्रो सहित) है।
इसके लोगो को लेकर डीएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि इसका निर्माण संस्थान में हुआ था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया कि दिल्ली मेट्रो के लोगो पर फैसला करने के लिए किसी तरह की प्रतियोगिता का आयोजन नहीं किया गया था।
दुनिया भर में उपयोग होने वाले मेट्रो लोगो का अध्ययन किया
हालांकि, कुछ विज्ञापन एजेंसियों के साथ कुछ डिजाइन पर चर्चा हुई थी। मगर बाद में लोगो निगम में ही तैयार हुआ। लोगो सुरंग में रेल नेटवर्क और उसकी सुरक्षा,गति और विश्वसनीयता को प्रतिबिंबित करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली मेट्रो के लोगों को अंतिम रूप देने के लिए डीएमआरसी के अधिकारियों ने दुनिया भर में उपयोग होने वाले मेट्रो लोगो का अध्ययन किया गया। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे चाहते थे कि लोगो में गतिशीलता दिखाई दे।
Published on:
13 Sept 2021 01:33 am
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