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सेकेंड हैंड कार खरीदते समय इन बातों पर दे ध्यान नहीं तो होंगे धोखे के शिकार

ऐसे में आपके लिए पता लगाना खासा मुश्किल काम है कि जि‍स सेकंड हैंड कार को आप खरीद रहे हैं, उसमें कोई प्रॉब्‍लम नहीं है।

नई दिल्लीNov 02, 2018 / 02:50 pm

Pragati Bajpai

used car

सेकेंड हैंड कार खरीदते समय इन बातों पर दे ध्यान नहीं तो होंगे धोखे के शिकार

नई दिल्ली: आजकल यूज्ड कार मार्केट का काफी बोलबाला है । जो लोग नई कार नहीं खरीद पाते हैं वो सेकेंड हैंड कार खरीद कर अपना शौक पूरा करते हैं लेकिन सेकेंड हैंड कार खरीदने में सबसे बड़ी समस्या क्वालिटी की होती है। दरअसल नई कार खरीदते समय कंपनी की ओर से क्‍वालि‍टी को लेकर पूरा भरोसा और हर तरह की गारंटी मिलती है। लेकिन पुरानी कार खरीदते समय ऐसा नहीं होता है। आमतौर पर सेकंड हैंड कारों में कुछ ऐसी चीजें रहती हैं जिन पर आपका ध्यान नहीं जा पाता है। ऐसे में आपके लिए पता लगाना खासा मुश्किल काम है कि जि‍स सेकंड हैंड कार को आप खरीद रहे हैं, उसमें कोई प्रॉब्‍लम नहीं है। चलिए आपको बताते हैं वो टिप्स जिससे कि आप धाखा खाने से बच सकते हैं।

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कार का पेंट ध्यान से देखें-

कार के अलग-अलग बॉडी पैनल के पेंट कलर में कि‍तना फर्क है इस बात को ध्यान से चेक करें। अगर आपको किसी भी जगह पर पेंट के कलर में अंतर दि‍खे तो समझ जाएं कि‍ इसे स्‍क्रैच या डेंट से छिपाने के लि‍ए ठीक कि‍या गया है। डोर के नीचे और ऊपर में मौजूद गैप के बीच उंगलि‍यों से चेक करें कि‍ कोई गैप या खुरदरी जगह तो नहीं है। अगर ऐसा है तो यह दुर्घटना या रिपेयर पेंट के काम का संकेत देता है।

car engine

इंजन की सफाई करें- देखें कि‍ इंजन के आसपास के एरि‍या कि‍तना साफ है। अगर आपको ऑयल की लीकेज दिखती है तो इसका मतलब है कि‍ यह अंडर मैनटेनेंस है। चेक करें कि‍ इंजन बेल्‍ट सही ढंग से फि‍ट है और घि‍सी हुई तो नहीं है। यह भी चेक करें कि‍ फ्यूड्स पर्याप्‍त लेवल पर है या नहीं। इंजन के ऑयल का कलर चेक करें, अगर वह काला और गंदा है तो इसका मतलब है कि‍ कार सही ढंग से मेनटेन नहीं की गई है। गंदा इंजन फ्यूल भी प्रॉब्‍लम की नि‍शानी है।

टायर – अगर कार के चारो टायर एक समान घिसे हुए है तो मान लेना चाहिए कि हाल ही में टायर बदलवाए गए हैं। टायर्स थ्रेडिंग पर्याप्‍त है या नहीं, इसे चेक करने के लि‍ए एक सि‍क्‍के को उसमें डालें और देखें कि‍ वह कि‍तना अंदर तक जाता है। अगर वह ज्‍यादा अंदर तक नहीं जाता है तो इसका मतलब है कि‍ कार में नए टायर को लगाने की जरूरत है।

टेस्ट ड्राइव- टेस्ट ड्राइव लेकर देखें, ताकि आपको कार की परफार्मेंस का सही अंदाजा हो सके। खराब सड़क पर कार चलाकर चेक करें कि‍ केबि‍न से ज्‍यादा आवाज तो नहीं आ रही। अगर आवाज ज्‍यादा आ रही है तो इसका मतलब है कि‍ बॉडी पैनल और डोर फि‍टिंग ढीली हो गई है।

कार के इंटीरियर चेक करें- इंटीरि‍यर फि‍टिंग और सभी स्‍वि‍च को भी चेक करना चाहिए।

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