अलग-अलग वाहनों के कलपुर्जे जोड़ कर बनाए गए तिपहिया ‘जुगाड़’ वाहन राजधानी की सडकों पर खूब दौड़ते हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने इन्ही ‘जुगाड़’ पर चिंता जाहिर करते हुए, सख्ती बरतने का आदेश दिया है। आपको मालूम हो कि तिपहिया रिक्शों को जुगाड़ भी कहा जाता है।
जनहित याचिका पर सुनवाई के वक्त हुआ आदेश-
दिल्ली हाईकोर्ट ( Delhi High Court ) के चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया है कि इनके खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जाए। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की बेंच ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान ये आदेश जारी किया।
2013 में दिया गया था आदेश- याचिकाकर्ता के वकील राजदीपा बेहुरा ने बेंच से कहा कि या तो इन पर पाबंदी लगाए जाए, अथवा ई-रिक्शा की तरह इन्हें रेगुलेट करने के लिए गाइडलाइंस जारी की जाएं। केंद्र सरकार के वकील रवि प्रकाश और परिवहन मंत्रालय की तरफ से पेश फरमान अली मागरे ने अदालत को बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट के मई 2013 में जारी आदेश की अनुपालना कर रहा है, जिसमें अदालत ने यह सुनिश्चित करने को कहा था कि ‘जुगाड़’ को मोटर व्हीकल एक्ट की जरूरतों को पालन किये बिना चलाने की अनुमति नहीं दी जाए।
मंत्रालय पहले ही भेज चुका है सर्कुलर- मंत्रालय ने पहले ही सभी राज्यों सरकारों को सर्कुलर जारी करके इन ‘जुगाड़’ के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक कार्रवाई करने को कहा है ।