उस वक्त भारत की तत्कालीन प्रधान मंत्री, इंदिरा गांधी ने इस दिन गुड़गांव में मारुति कारखाने का उद्घाटन किया था, जो हर 800 वें मिनट में एक नई कार को रोल आउट करने का दावा कर रही थी। यानी कि करीबन हर 13 घंटे में एक नई मारुति 800 का प्रोडक्शन हो रहा था, आज के समय के मुकाबले ये आंकड़ा बहुत कम है, लेकिन उस वक्त के हिसाब से काफी बेहतर था।
इंदिरा गांधी ने सौंपी हरपाल सिंह हो चाबी:
जब इस कार को लॉन्च किया गया उस वक्त देश के पहले मारुति 800 के ग्राहक बने थें दिल्ली के हरपाल सिंह। इस कार को खरीदने से पहले हरपाल महज एक आम शहरी थें, लेकिन जिस दिन यानी कि 14 दिसंबर, 1983 को जब उन्हें अपनी पहली मारुति 800 की डिलीवरी लेनी थी, वो अचानक सुर्खियों में आ गएं। क्योंकि वो न केवल इस कार के पहले ग्राहक थें, बल्कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से स्वयं उन्हें इस कार की चाबी सौंपी थी। देश के पहली मारुति 800 का रजिस्ट्रेश नंबर (DIA 6479) था।
समय के साथ कंपनी ने इस कार के तकरीबन 15 प्रतिशत यूनिट्स को वातानुकूलित डीलक्स कारों में बदलने का फैसला किया, जिनकी कीमत उस वक्त 70,000 रुपये से शुरू हो रही थी। जब Maruti 800 को पहली बार पेश किया गया उस वक्त कंपनी का दावा था कि, ये कार 25.95 किमी/लीटर का माइलेज देती थी, हालांकि उस दौरान कार को महज 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ़्तार से चलाया जाना चाहिए।
कंपनी ने दूसरे सेग्मेंट में की एंट्री:
मारुति 800 के लॉन्च के बाद, कंपनी ने अलग-अलग सेगमेंट में प्रवेश करने का फैसला किया और यह 1984 में ओमनी मिनीवैन और 1985 में देश की मशहूर ऑफ-रोडर जिप्सी के लॉन्च के साथ शुरू हुआ। कुछ साल बाद 1990 में, मारुति सुजुकी ने अपनी पहली सेडान कार लॉन्च किया, जिसे मारुति 1000 कहा जाता है। बाद में, 1994 में, इस कार का एक फेसलिफ्ट मॉडल लॉन्च किया गया, जिसे एस्टीम के रूप में जाना जाता है, जिसने मूल रूप से भारत में सेडान कारों की नींव रखी थी। एस्टीम के बाद, मारुति सुजुकी ने साल 1993 में प्रीमियम हैचबैक ज़ेन लॉन्च किया और यह मॉडल काफी मशहूर हुआ।
एक तरफ मारुति 800 बाजार में अपनी धाक जमाए थी, दूसरी ओर अन्य मॉडल भी तेजी से लोकप्रिय हो रहे थें। एक आसमान छूती शुरुआत के बाद, मारुति सुजुकी ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए थे कि वो देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी बनने जा रही है। कंपनी का दूसरा प्लांट 1995 में खोला गया था और इसके ठीक चार साल बाद, 1999 में नए असेंबली लाइन की फेसिलिटी शुरू कर दी गई थी।
Alto का आगाज और मारुति का चमकना:
21वीं सदी की शुरुआत के साथ, मारुति सुजुकी ने ऑल्टो के रूप में एक और जबरदस्त कार लॉन्च की, इस कार को एक किफायती फैमिली हैचबैक कार के तौर पर पेश किया गया था। भारतीय बाजार में 27 सितंबर 2000 को पहली बार मारुति ऑल्टो को लॉन्च किया गया, हालांकि ऑल्टो नेमप्लेट का उपयोग 1994 से भारत से यूरोप में मारुति सुजुकी ज़ेन को निर्यात करने के लिए सफलतापूर्वक किया जा रहा था। लेकिन इस किफायती हैचबैक कार ने इंडियन ऑटो सेक्टर में जो इबारत लिखी वो आज 22 साल बाद भी अनवरत जारी है और देश को आज नेक्स्ट जेनरेशन Maruti Alto K10 का बेसब्री से इंतज़ार है।
ऑल्टो ने घरेलू बाजार में कंपनी के पांव को वो मजबूती दी, जिस पर आगे बढ़कर मारुति सुजुकी ने कई नए मॉडलों को पेश किया। समय के साथ पांच साल बाद 2005 में, स्पोर्टी लुक और लाइफस्टाइल हैचबैक के तौर पर पहली बार Maruti Swift को लॉन्च किया गया। इस कार ने ब्रांड को युवाओं के बीच ख़ासा लोकप्रिय बना दिया, अब तक कंपनी की छवि केवल सस्ती और बज़ट कारों के निर्माण तक ही सीमित थी, लेकिन मारुति स्विफ्ट ने ये साबित कर दिया कि मारुति बाजार को पूरी तरह से बदलने के लिए आतुर है, और वो इसके लिए नई तकनीक और फीचर्स पर काम कर रही है।
यूटिलिटी बाजार पर नज़र:
अब तक मारुति सुजुकी ने बाजार में हैचबैक, सेडान और वैन सेग्मेंट में उपस्थिति दर्ज करा ली थी, लेकिन ये वो दौर था जब इंडियन कस्टमर यूटिलिटी व्हीकल्स (UV) वाहनों की तरफ आकर्षित हो रहे थें। इसी बीच मारुति सुजुकी ने भी यूटिलिटी व्हीकल सेग्मेंट में एंट्री करने का फैसला किया और 12 अप्रैल 2012 को कंपनी ने पहली Maruti Ertiga को लॉन्च किया। ऐसा नहीं था कि, मारुति सुजुकी UV वाहनों से अछूती थी, बल्कि इससे पहले कंपनी ग्रैंड विटारा को पेश कर चुकी थी, लेकिन ये एसयूवी उस वक्त के लिहाज से कीमत में इतनी उंची थी कि इसे ज्यादा ग्राहक नहीं मिले और इसे डिस्कंटीन्यू करन पड़ा था।
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मारुति सुजुकी के अनुसार, अन्य मारुति मॉडल के विपरीत जो वैश्विक बाजार के लिए डिजाइन किए गए थे, अर्टिगा को विशेष रूप से भारतीय उपभोक्ताओं के लिए डिजाइन किया गया था। मारुति ने इसे “लाइफ यूटिलिटी व्हीकल” के रूप में मार्केट करना शुरू किया और बुकिंग शुरू होने के महज 5 दिनों के भीतर ही इसके 11,000 से ज्यादा यूनिट्स की बुकिंग दर्ज कर ली गई थी। बहरहाल, देश का ऑटो सेक्टर बदलाव के दौर से गुज़र रहा था और अब मारुति सुजुकी ने विटारा नाम को एक बार फिर से भुनाने के Vitara Brezza को साल 2016 में लॉन्च किया। बाजार में आते ही इस एसयूवी ने ग्राहकों के बीच अपनी पकड़ बनानी शुरू कर दी और ये देश की बेस्ट सेलिंग कॉम्पैक्ट एसयूवी बन गई।
अब एक बार फिर से कंपनी Maruti Grand Vitara को मिड-साइज़ एसयूवी सेग्मेंट में पेश करने जा रही है। बीते कुछ सालों में मारुति सुजुकी ने कई बड़े फैसले किएं, वाहनों को दो अलग-अलग डीलरशिप नेक्सा और एरिना के माध्यम से बेचना। टोयोटा के साथ सुजुकी की साझेदारी में अपने व्हीकल प्लेटफॉर्म को साझा करना और नए मॉडलों को बाजार में उतारना इनमें से प्रमुख था। मारुति सुजुकी ने अब तक कई मॉडलों को पेश किया है, जिसमें वैगनआर, बलेनो, सेलेरियो, इको, एक्सएल 6, इग्निस, डिजायर इत्यादि जैसी गाड़ियां शामिल हैं।