फ्रैकफर्ट। जर्मनी की प्रमुख कार निर्माता कंपनी
फॉक्सवैगन ने मंगलवार को अपनी गलती मानते हुए कहा कि उसने दुनियाभर में 1 करोड़ 10 लाख
डीजल कारों की प्रदूषण जांच में गड़बड़ी कराई थी। कंपनी ने स्वीकार किया कि हमने कार में ऎसा साफ्टवेयर लगाया था जो प्रदूषण परीक्षणों को चकमा दे सकता है। फॉक्सवैगन यूएस के सीईओ माइकल हॉर्न ने कहा, हमारी कंपनी ने अमरीकी एन्वायर्नमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी, कैलिफोर्निया एयर रिर्सोसेज बोर्ड और आप सभी के साथ बेईमानी की। इस नई घोषणा से कंपनी के शेयरों में तत्काल 20 प्रतिशत तक की और गिरावट आई।
5 लाख गाड़ियां वापससच सामने आने बाद अमरीकी अधिकारियों ने फॉक्सवैगन कंपनी को कहा कि वो अमरीका से अपनी 5 लाख गाडियां वापस बुलाए। वहीं, जर्मन कारमेकर के मुताबिक, दुनिया भर के 1 करोड़ 10 लाख इंजन के बेंच टेस्ट रिजल्ट और रोड पर इस्तेमाल के दौरान के नतीजों में काफी अंतर मिला। कंपनी ने यह पहली बार माना है कि अमरीका से बाहर बेची गई डीजल कारों में भी धांधली करने वाला सॉफ्टवेयर पड़ा हुआ है। इससे पहले, कंपनी ने माना था कि इस समस्या से सिर्फ अमरीका की 5 लाख कारें ही प्रभावित हैं। कंपनी ने कहा कि वह इस समस्या वाली कारों की सर्विस के लिए 7.3 बिलियन डॉलर (करीब 46 हजार करोड़) की रकम का इंतजाम अलग से किया है।
ऎसे की धोखाधड़ीसॉफ्टवेयर लगाकर टेस्टिंग में इमिशन कंट्रोल किया। यूएस एन्वायर्नमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी (ईपीए) ने कहा कि इमिशन टेस्टिंग के लिए फॉक्सवैगन ने एक अलग डिवाइस बना रखी थी। यानी जब कभी फॉक्सवैगन की कारें इमिशन टेस्टिंग के लिए जाती थीं तो यह डिवाइस पॉल्यूशन को कंट्रोल कर लेती थी। इसके बाद जब भी यह कार नॉर्मल ड्राइविंग सिचुएशंस की टेस्टिंग पर जाती थी तो इमिशन कंट्रोल का सॉफ्टवेयर अपने आप बंद हो जाता था। सॉफ्टवेयर ऎसा था जो टॉर्क को कंट्रोल कर एवरेज और कार का ओवरऑल परफॉर्मेंस बढ़ा देता था। वहीं, कार्बन इमिशन को घटा हुआ बताता था।
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