पानी से हाइड्रोजन को अलग करने में मिली सफलता-
शोध नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका के मुताबिक स्वाइनबर्न यूनिवर्सिटी, UNSW और ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने हाइड्रोजन को सोखने के लिए पानी में से ऑक्सीजन को अलग करने में सफलता हासिल की है। इस प्रक्रिया में हाइड्रोजन को निकालने में बहुत कम ऊर्जा की जरूरत होती है।
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अब तक ‘वाटर-स्प्लिटिंग’ प्रक्रिया में रूथेनियम, प्लैटिनम और इरिडियम जैसी कीमती धातुओं का इस्तेमाल होता था। अब इनकी जगह पर लोहा और निकल जैसी सस्ती धातु का प्रयोग होगा, जो अब इस प्रक्रिया में उत्प्रेरक के रूप में काम आएंगी।
यूएनएसडब्ल्यू स्कूल ऑफ केमिस्ट्री के प्रोफेसर चुआन झाओ कहते हैं कि इस प्रक्रिया में बहुत कम ऊर्जा खर्च होती है । इस उत्प्रेरक पर एक छोटा नैनोस्केल इंटरफेस होता है, जहां लोहे और निकल परमाणु स्तर पर मिलते हैं, जो पानी के विभाजन के लिए एक सक्रिय भाग बन जाता है। यह वह भाग है जहां हाइड्रोजन को ऑक्सीजन से अलग किया जा सकता है और ईंधन के रूप में सोखा जा सकता है। ऑक्सीजन को वातावरण में छोड़ दिया जाता है।