मुख्यमंत्री ने कहा कि सुकन्या योजना का लाभ लेने के लिए लोगों को किसी दफ्तर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। डीबीटी के माध्यम से पैसा सीधे आपके खाते में भेजा जाएगा। दास ने कहा कि आदिवासी संस्कृति में बेटियों को मान-सम्मान दिया जाता है, उनसे सीख लेने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के माध्यम से सरकार बेटियों की पढ़ाई-लिखाई और विदाई तक सरकार उनके साथ खड़ी रहेगी। उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या और बाल विवाह जैसी कुरीतियों को समाप्त करने के लक्ष्य के साथ राज्य में मुख्यमंत्री सुकन्या योजना की शुरुआत हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारा दिया है बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, इसी मूल मंत्र पर चलते हुए झारखण्ड सरकार ने बेटियों के लिए यह योजना लॉन्च की है।
उन्होंने कहा कि बेटियां हमारी शान, हमारी अभिमान हैं। बेटियों के लालन-पालन और पढ़ाई के लिए सरकार 7 किश्तों में 40 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देगी। साथ ही शादी के लिए कन्यादान योजना के अंतर्गत अलग से 30 हजार रुपये की आर्थिक मदद भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि एक बेटी शिक्षित होगी तो वो दो घरों के संस्कार बदल देगी। हर मुश्किल को हल करने के लिए बेटियों को शिक्षित करने की जरुरत है।