हुआ यू कि परीक्षा केंद्र के व्यवस्थापक को मालूम ही नहीं था कि आज उन्हें परीक्षार्थियों की परीक्षा लेनी है। जिस कारण केंद्र पर लटकता रहा और परीक्षा ड्यूटी में लगे कर्मचारी परीक्षा केंद्र से नदारत रहे। जिस कारण परीक्षार्थीयो को 1.30 घंटे से अधिक समय तक परीक्षा केंद्र के बाहर ही इंतजार करना पड़ा। वहीं जब मामला जिलाधिकारी हेमंत कुमार के संज्ञान में आया तो उन्होंने तत्काल इस मामले में जिम्मेदारों को तलब किया। जिसके बाद परीक्षा केंद्र खोला गया और परीक्षार्थियों को परीक्षा देने का मौका मिला। वहीं एक दिन पूर्व में इस जिले में भौतिक विज्ञान का पेपर लीक होने का मामला सामने आया था। जिसे 500 सौ रुपये में परीक्षार्थियों को बेंचा जा रहा था।
दरसल शुक्रवार द्वितीय पाली में हाई स्कूल कॉमर्स की परीक्षा देने के लिए सैयदराजा स्थित नेशनल इंटर कॉलेज पर पहुंचे दो छात्रों को विद्यालय प्रशासन की घोर लापरवाही के चलते घंटो मेन गेट पर खड़ा रहना पड़ा। विद्यालय के मेन गेट पर 3 बजकर 20 मिनट तक ताला लटकता रहा। इस दौरान परीक्षा केंद्र के व्यवस्थापक समेत सभी शिक्षक नदारत रहे। परीक्षा केंद्र के बंद होने की जानकारी जब जिलाधिकारी व जिला विद्यालय निरीक्षक को हुई तो इस मामले में प्रधानाचार्य राजेश त्रिपाठी से संपर्क किया गया। इसके बाद 1 घंटे 30 मिनट देरी से दोनों छात्रों की परीक्षा शुरू कराई गई। महेंद्र टेक्निकल इंटर कॉलेज चंदौली के छात्र अजय कुमार व अपूर्व प्रकाश सिंह ने बताया कि कामर्स विषय की परीक्षा सैयदराजा स्थित नेशनल इंटर कॉलेज पर शुक्रवार की अपराह्न दो से 5 बजकर 15 मिनट तक होनी थी। परन्तु प्रधानाचार्य सहित सभी कर्मचारी अनुपस्थित रहे के कारण परीक्षा समय से शुरू नहीं हो सकी।
वहीं प्रधानाचार्य डॉ राजेश त्रिपाठी ने बताया कि नामावली में छात्रों का नाम शामिल ना होने की वजह से परीक्षा की जानकारी नहीं हुई । हालाकिं विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए परीक्षा संपन्न कराई गई और छात्रों को अतिरीक्त समय भी दिया गया । वहीं छात्रों का कहना था कि नामावली में नाम न होने पर हमने किस आधार पर यहां अन्य विषयों में परीक्षाएं दी । इसके लिए कौन जिम्मेदार है शिक्षा विभाग अथवा केंद्र व्यवस्थापक । वहीं जिलाधिकारी ने प्रधानाचार्य को जमकर फटकार लगाई और भविष्य में
ध्यान रखने को कहा।