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महिला आईएएस को संदेश भेजने के विवाद पर मंत्री की सफाई, संदेशों को बताया सरकारी कामकाज से सम्बन्धित

चन्नी ने अपनी यह सफाई मीडिया के जरिए आम लोगों तक पहुंचाई है...

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Charanjit Singh Channi file photo

Charanjit Singh Channi file photo

(चंडीगढ): महिला आईएएस को अनुपयुक्त संदेश भेजने के विवाद से घिरे पंजाब के तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने विदेश से लौटते ही अपनी सफाई दी है। उन्होंने कहा कि जो संदेश भेजे गए थे वो अश्लील नहीं थे बल्कि सरकारी कामकाज से सम्बन्धित थे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि वे इस मामले में दोषी सिद्ध होते हैं तो न केवल मंत्री पद छोड देंगे बल्कि विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे देंगे।


सुखवीर बादल उछाल रहे मुद्या— चन्नी

चन्नी ने अपनी यह सफाई मीडिया के जरिए आम लोगों तक पहुंचाई है। बेलारूस की यात्रा से लौटने के बाद चन्नी ने मीडिया से बात की और अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि उनके लिए जनभावनाओं का सम्मान किसी पद से अधिक महत्व का है। उन्होंने कहा कि यदि मैं गलत हूं तो मुख्यमंत्री को कार्रवाई का अधिकार है। चन्नी ने कहा कि अकाली दल अध्यक्ष सुखवीर बादल इस मुद्ये को उछाल रहे हैं क्योंकि वे दलितों के मुद्दे उठाते हैं और गुरूग्रंथ साहिब के अपमान की घटनाओं के साजिशकर्ताओं के खिलाफ बोलते है। इस मामले में निराधार अनुमान जोड लिए गए है। मुख्यमंत्री को इस मामले में जानकारी है और उन्होंने मुझे समझाया कि भविष्य में सावधानी से काम करें। मुख्यमंत्री ने इस बारे में बयान भी जारी किया है। मामले को पहले ही सुलझाया जा चुका था तो अब यह कोई मुद्दा ही नहीं रह गया था। जब मुख्यमंत्री ने मुझे इस बारे में बताया था तो मैंने महिला अधिकारी से माफी मांग ली थी। मुख्यमंत्री के विदेश से लौटने पर मैं उनसे मिलूंगा।

अकाली दल को स्वीकार नहीं चन्नी की सफाई

दूसरी ओर अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने चन्नी की इस सफाई को स्वीकार नहीं किया है। दोनों दलों के नेताओं का कहना है कि महिला उत्पीडन के मामले में बरी होने के लिए चन्नी दलित कार्ड इस्तेमाल कर रहे है। अकाली दल के दलित वर्ग के नेताओं ने चन्नी को पद से हटाकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। यह मांग करने वाले अकाली दल के नेताओं में गुलजार सिंह रानिके,सोहन सिंह ठण्डल और पवन कुमार टिन्नू शामिल है। आम आदमी पार्टी और अकाली दल की महिला शाखाओं ने इस मामले में चन्नी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किए थे।

महिला आयोग ने दिए निर्देश

इस बीच कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीडन रोकने के लिए पंजाब महिला आयोग द्वारा जारी किए गए निर्देशों को प्रदेश की महिला अफसरों ने ही प्रतिगामी कदम बताया है। निर्देशों में महिला अधीनस्थ को अकेले में कार्यालय में न बुलाने,कार्यालय समय के बाद बात न करने और पदोन्नति या वेतनवृद्धि के कोई संकेत भी न देने जैसे निर्देेश शामिल है। महिला अधिकारियों ने मीडिया को दिए बयान में कहा है कि उन्हें पेशेवर नजरिए से देखा जाना चाहिए। इस नजरिए से ये निर्देश प्रतिगामी साबित होंगे।