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चेन्नई

14 साल की विवाहिता मां बनी

-बाल विवाह पर बोले परिजन, उन्हें कानून की नहीं जानकारी

चेन्नईFeb 08, 2019 / 12:29 pm

Santosh Tiwari

कोयम्बत्तूर. तिरुपुर के सरकारी अस्पताल में 14 वर्षीय नाबालिग विवाहिता ने एक ब‘ची को जन्म दिया है। अस्पताल प्रशासन की सूचना पर बाल कल्याण विभाग की टीम पहुंची व परिजनों से बातचीत की।
सूत्रों के मुताबिक कांगेयम में नारियल बागान में काम करने वाली नाबालिग की शादी परिजनों ने मात्र तेरह साल की उम्र में कर दी थी। दम्पती तिरुपुर के पास उथुकुली में रहता है। उसे प्रसव के लिए सरकारी अस्पताल लाया गया। अस्पताल कर्मियों ने रजिस्टर में आवश्यक जानकारी लिखने के लिए जब उसकी उम्र पूछी तो परिजनों ने 14 साल बताई। उसे अस्पताल में भर्ती कर लिया गया। बाद में नाबालिग ने एक ब‘ची को जन्म दिया। सूचना मिले पर बाल कल्याण अधिकारी अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने परिजनों से बात की और उन्हें बताया गया कि कम उम्र में शादी करना और बाद में मां बनना घातक भी हो सकता है। अधिकारी ने बताया कि नाबालिग मां को ब‘ची की देखभाल करने की अनुमति तभी दी जाएगी जब यह सुनिश्चित हो जाए कि वह शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से स्वस्थ है। नहीं तो शिशु को पालना घर और नाबालिग मां को पुनर्वास केंद्र भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि भले ही वह विवाहित है पर कम उम्र में विवाह कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
दूसरी ओर नाबालिग के परिजन अधिकारियों से गुहार लगाते रहे कि वे गांव में रहते हैं। उन्हें सरकारी नियम -कायदों की जानकारी नहीं है। उनसे अनजाने में भूल हुई है। इसलिए माफ किया जाए।
समिति ने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी। नाबालिग मां ने सोमवार को ब‘ची को जन्म दिया था जिसके बाद उसके 22 वर्षीय पति और ससुराल पक्ष लोगों से समिति ने पूछताछ की। चाइल्ड लाइन के अधिकारियों का कहना है कि बाल विवाह पीडि़ता का परिवार मूलत: मदुरै का रहने वाला है और छह साल पहले रोजगार की तलाश में तिरुपुर आ गया था। पीडि़ता पास के ही सरकारी स्कूल में पढती थी लेकिन आठवीं कक्षा के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी और माता-पिता के साथ नारियल बागान में काम करने लगी। पिछले साल अप्रेल में परिवार ने उसकी शादी नारियल बागान में काम करने वाले युवक से करा दी। कुछ महीने से पूरा परिवार बागान के पास ही रहने लगा था। अधिकारियों का कहना है कि समिति के यह तय करने के बाद कि नवजात शिशु को मां को देने के बारे में निर्णय लेने के बाद ही इस मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।
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