पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुप्रिया साहू ने कहा कि अपनी तरह की पहली परियोजना के तहत शामिल रेलवे लाइनों से लगभग 130 ट्रेनें गुजरती हैं और हर साल अकेले पटरियों पर 1,000 हाथी क्रॉसिंग दर्ज किए गए हैं। एआइ तकनीक ट्रेन की टक्कर को रोकने में बेहद मददगार होगी क्योंकि हाथियों ने खाई और सौर बाड़ जैसे पारंपरिक तरीकों को अपना लिया है। हाथियों की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
इस तरह होगा कामयदि पटरियों के पास हाथी का पता चलता है तो एआई कैमरे रेलवे अधिकारियों, वन विभाग के अधिकारियों और नियंत्रण कक्ष को अलर्ट भेजेंगे। अधिकारियों ने कहा कि इससे वन विभाग को ड्राइविंग ऑपरेशन करने और लोको स्टाफ को हाथी से टकराने से बचाने के लिए ट्रेन की गति धीमी करने के लिए सचेत करने में मदद मिलेगी।