इसके बाद चिकित्सकों ने अंगदान को लेकर परिजनों को मजबूर किया गया। इससे आहत होकर मणिकंडन के परिजनों ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से शिकायत कर दी। शिकायत के आधार पर विजयन ने राज्य के मुख्यमंत्री एडपाडी के. पलनीस्वामी को पत्र लिखा। जानकारी मिलने के बाद पलनीस्वामी ने जांच कमेटी का गठन किया। कमेटी द्वारा मिली जांच रिपोर्ट में बताया गया कि मणिकंडन का दिल और फेफड़े दो विदेशी लोगों में प्रत्यारोपित कर दिए गए थे।
आश्चर्य की बात यह है कि सूची में भारतीय मरीज सबसे आगे थे इसके बावजूद उनको इसका लाभ नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि औसतन विदेशी मरीजों से अंग प्रत्यारोपण के बदले में १२ करोड़ रुपए प्राप्त किए गए थे। इस तरह से तमिलनाडु में अंग प्रत्यारोपण को लेकर घोटाला हो रहा है। इस मामले में सीबीआई जांच होनी चाहिए। रामदास ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि रिपोर्ट के अनुसार बहुत से लोग अंग प्रत्यारोपण के इंतजार में खड़े थे लेकिन सेलम जिले में बे्रन डेड घोषित हुए युवक के अंग यहां के दो अस्पतालों में भर्ती विदेशी नागरिकों में प्रत्यारोपित कर दिए गए थे। मई महीने में केरल निवासी पी. मणिकंडन नामक युवक को सड़क दुघर्टना के बाद सेलम के एक निजी अस्पताल ने ब्रेन डेड घोषित किया गया था।