यहां जारी एक विज्ञप्ति में मंत्री ने कहा राज्य स्कूल शिक्षा विभाग जूनियर छात्रों के लिए कक्षाएं फिर से खोलने पर एक रिपोर्ट तैयार कर पेश करेगा। जमीनी स्तर पर किए गए उचित अध्यन के बाद तैयार हुए रिपोर्ट को मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा। उसके बाद मुख्यमंत्री स्कूलों को खोलने का अंतिम निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि गत 1 सितंबर से नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूलों को खोला गया था और उसके बाद से स्कूल शिक्षा विभाग स्थिति पर नजर बनाए हुए है। छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के 800 से अधिक चिकित्सा पेशेवर निगरानी में शामिल हैं।
-मुख्यमंत्री दे सकते हैं सहमति
जन स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री द्वारा स्कूलों को फिर से खोलने के लिए सहमति देने की संभावना है, क्योंकि राज्य अपनी आबादी को तेजी से वैक्सीन दे रहा है और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने भी घोषणा की है कि बच्चों के लिए खतरा बहुत अधिक नहीं है। हालांकि मुख्यमंत्री को हर पहलु देखते हुए निर्णय लेना होगा, क्योंकि 1 सितंबर से स्कूल व कॉलेज के खुलने के बाद से अब तक कई शिक्षकों और विद्यार्थियों को कोरोना पॉजिटिव पाया जा चुका है।