मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री विजय भास्कर के ठिकानों के साथ ही 7 अप्रेल 2017 को तमिलनाडु में विभिन्न स्थानों पर आयकर विभाग को अपनी जांच में जब्ती की कार्रवाई की थी। तब प्रस्तावित आरके नगर विधानसभा उप चुनाव के दौरान मतदाताओं को देने के लिए रखी नकदी विभिन्न स्थानों से जब्त की गई थी। चुनाव आयोग ने फिर 9 अप्रेल 2017 को आगे की कार्रवाई की थी। बाद में 18 अप्रेल 2017 को चुनाव आयोग ने तमिलनाडु के मुख्य चुनाव अधिकारी को पुलिस कार्रवाई का निर्देश दिया था। इस पर 27 अप्रेल को रिटर्निंग अधिकारी ने अभिरामपुरम पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें आयकर विभाग की ओर से जब्ती का जिक्र किया गया था। इसके बाद एक अधिवक्ता वैराकरन एवं डीएमकी प्रत्याशी मरुदु गणेश ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी।
न्यायाधीश एम. सत्यनारायण के पास यह मामला सुनवाई के लिए आया था। बाद में एआईएडीएमके विधायक की याचिका पर प्राथमिकी रद्द कर दी गई। इसके बाद डीएमके उम्मीदवार रहे मरुदु गणेश ने फिर से याचिका पर निष्पक्ष सुनवाई की मांग की। इसक बाद चुनाव आयोग को जवाब देने का निर्देश दिया तथा मामले को सुनवाई के लिए रखा।
जब दुबारा यह मामला न्यायाधीश एम. सत्यनारायणन एवं न्यायाधीश हेमलता निरंजन राजगोपालन के पास सुनवाई के लिए आया तो पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि केन्द्रीय चुनाव आयोग ने तमिलनाडु के सीईओ को नए सिरे से प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। इससे पहले तमिलनाडु के सीईओ ने इस मामले में कुछ जानकारी लंबित होने के चलते विलंब का कारण बताया। आयकर विभाग की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता एपी श्रीनिवासन ने गवाहों के जिरह की अनुमति की मांग की। बाद में मामले की सुनवाई 23 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई।