scriptरिफंड छह महीने तक लेने की सुविधा | Railway arranges refund on ticket cancellations | Patrika News
चेन्नई

रिफंड छह महीने तक लेने की सुविधा

लॉकडाउन के चलते देशभर में यात्री ट्रेनों का संचालन बन्द होने से रेलवे की आमदमी बहुत कम रही और अब रद्द ट्रेनों का रिफंड लौटाने का बोझ और बढ़ गया है। हालत यह है कि कई जगह रेलवे को रिफंड लौटाने के लिए बैंकों से पैसा लेना पड़ रहा है। अब 12 अगस्त तक ट्रेनें निरस्त होने से कैसिंल टिकटों के भुगतान के लिए फिर नकदी का संकट सामने खड़ा हो गया है।

चेन्नईJun 30, 2020 / 11:10 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

More than 500 railway train tickets cancelled fear to corona cases

कोरोना का डर: यात्रा पर खुद ब्रेक लगा रहे हैं यात्री, 500 से अधिक रेल टिकट कैंसिल

चेन्नई. लॉकडाउन के चलते देशभर में यात्री टे्रनों का संचालन बन्द होने से रेलवे की आमदमी बहुत कम रही और अब रद्द ट्रेनों का रिफंड लौटाने का बोझ और बढ़ गया है। हालत यह है कि कई जगह रेलवे को रिफंड लौटाने के लिए बैंकों से पैसा लेना पड़ रहा है। अब 12 अगस्त तक ट्रेनें निरस्त होने से कैसिंल टिकटों के भुगतान के लिए फिर नकदी का संकट सामने खड़ा हो गया है।
टिकटों का रिफंड लेने की तिथि बढ़ाई
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते रेल परिवहन सेवा में फिलहाल विस्तार के आसार नहीं है, ऐसे में रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए कंैसिल टिकटों का रिफंड छह महीने तक लेने की सुविधा दी है। इसके पहले रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान रद्द टे्रन टिकटों का रिफंड लौटाने की तिथि 30 जून तय की थी। इससे यात्री लॉकडाउन के पहले के टिकट का भी पूरा रिफंड ले सकते हैं। रिफंड में किसी प्रकार की कटौती नहीं होगी। यात्रियों को केवल काउंटर पर जाकर टिकट डिपॉजिट रिसीप्ट (टीडीआर) फार्म भरना होगा। इसके बाद आरक्षित काउंटर पर जाकर रिफंड ले ले सकेंगे। यदि लॉकडाउन के बाद टिकट रद्द कराने पर शुल्क काटा जा चुका है तो वह भी क्लेम किया जा सकेगा।
प्रमुख स्टेशनों पर रिफंड की व्यवस्था
पैसेंजर आरक्षण सिस्टम (पीआरएस) काउंटर से टिकट बुक करने वाले यात्रियों के फायदे के लिए रेलवे ने रिफंड नियम को लचीला बनाया है। पीआरएस काउंटर के माध्यम से 22 मार्च से 12 अगस्त के मध्य टिकट बुक करने वाले अब यात्रा तिथि के छह महीने तक रिफंड ले सकेंगे। दक्षिण रेलवे ने जोन के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर पीआरएस काउंटरों पर रिफंड देने की व्यवस्था की है। केरल में पालक्काड व तिरुवनंतपुरम डिवीजन में प्रमुख जगहों पर 22 मई से रिफंड दिया जा रहा है। इनमें पीआरएस काउंटर तिरुवनंतपुरम सेन्ट्रल, त्रिशूर, एर्णाकुलम, कोल्लम, कोझिकोड, मंगलौर जंक्शन व पालक्काड जंक्शन रेलवे स्टेशन शामिल हैं। तमिलनाडु में 1 जून से पीआरएस काउंटर खोले गए। पीआरएस काउंटर पुराच्ची तलैवर डा. एमजीआर चेन्नई सेन्ट्रल, चेन्नई एगमोर, तिरुचिरापल्ली जंक्शन, तंजावुर, कुम्भकोणम, सेलम, करूर, कोयम्बत्तूर, मदुरै, तिरुनेलवेली, दिण्डीगुल व अन्य महत्वपूर्ण स्टेशनों पर रिफंड लेने की व्यवस्था है।
दक्षिण रेलवे में 44 करोड़ का रिफंड
दक्षिण रेलवे में 22 मई से 28 जून तक टिकट कैंसिल होने से 44.5 करोड़ का रिफंड किया गया। इससे 8 लाख यात्रियों को लाभ मिला। चेन्नई डिवीजन में 12.83 करोड़ की राशि का रिफंड लौटाया जबकि मदुरै में 4.39 करोड़, सेलम में 6.62 करोड़ व तिरुचिरापल्ली डिवीजन में 4.20 करोड़ का रिफंड दिया गया। तिरुवनंतपुरम डिवीजन में 11.2 करोड़ व पालक्काड डिवीजन में 5.25 करोड़ के रिफंड दिए। दक्षिण रेलवे में छह डिवीजन हैं जो तमिलनाडु व केरल को कवर करते हैं।
73 फीसदी ने कराई थी ऑनलाइन बुकिंग
सभी नियमित ट्रेनें अब 12 अगस्त तक रद्द की गई है। करीब 73 प्रतिशत यात्रियों ने ऑनलाइन बुकिंग कराई थी जिनकी रिफंड देने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। ऑनलाइन मोड से 21 मार्च से 31 मई के बीच 1885 करोड़ रुपए रिफंड किए गए थे।
वेस्टर्न रेलवे ने किया 371 करोड़ का रिफंड
वेस्टर्न रेलवे ने 371.14 करोड़ रुपए का रिफंड किया है। इसमें अकेले मुम्बई डिवीजन ने 175.22 करोड़ रिफंड दिया। अब तक वेस्टर्न रेलवे में 56.85 लाख यात्री टिकट कैंसिल करा चुके हैं।

Home / Chennai / रिफंड छह महीने तक लेने की सुविधा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो