ज्ञातव्य है कि जयललिता का निधन अस्पताल में ७५ दिनों के उपचार के बाद हुआ था। उनके बाद जयललिता की छाया समझी जाने वाली शशिकला को महासचिव बनाया गया। जब वे सीएम पद की शपथ लेने वाली थी तब आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में उनको जेल हो गई। ईपीएस और ओपीएस खेमा एकजुट हुआ। न केवल उनकी शशिकला की गद्दी छीनी बल्कि पार्टी से भी बेदखल कर दिया।
ईपीएस-ओपीएस के नेतृत्व को विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद शशिकला अब पार्टी कार्यकर्ताओं व नेताओं से संपर्क कर वापसी की कोशिश में जुटी हैं। उनसे जो वार्ता करते हैं और समर्थन जताता है उनको पार्टी से बाहर भी किया जा रहा है।
पहले आए पलनीस्वामी
इस कड़ी में अपदस्थ शशिकला पदस्थ पदेन अध्यक्ष से ही जा मिलीं। जो उनके धुर विरोधी रहे। मधुसूदनन की तबीयत खराब होने के कारण थाउजेंड लाइट्स स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी तबीयत नाजुक बताई जा रही है। ऐसे में मधुसूदनन को देखने के लिए आज सुबह सेलम से निकले एडपाड़ी के. पलनीस्वामी सीधे अस्पताल पहुंचे और मधुसूदनन के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।
शशिकला की कार
तभी अचानक शशिकला अस्पताल आ गईं। उनके पहुंचते ही जाम लग गया। उनकी कार से अन्नाद्रमुक का झंडा बंधा हुआ था। पलानीसामी को सूचित किया गया कि शशिकला आ गईं हैं। अस्पताल पहुंचने के लगभग 10 मिनट बाद सूचना मिलने के साथ ही पलनीस्वामी वहां से तुरंत निकल गए। शशिकला ने अस्पताल में चिकित्सकों से मधुसूदनन के स्वास्थ्य के बारे मेें पूछा। उन्होंने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की तथा बताया कि वे उनकी कुशलक्षेम पूछने आई थी। शशिकला का पार्टी झंडे के साथ वहां आने से सनसनी फैल गई।