हवाईअड्डा सूत्रों ने बताया कि जब राजन ने अपना बैग सुरक्षा जांच के लिए घरेलू उड़ान टर्मिनल पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों को दिया, तब उन्होंने बैग में दो लैपटॉप पाया। सुरक्षाकर्मियों ने कथित तौर पर बैग में दो लैपटॉप होने की जानकारी नहीं देने को लेकर उनसे सवाल किया। इस पर मंत्री चिढ़ गए और सुरक्षाकर्मियों से सवाल किया कि क्या दो लैपटॉप एक साथ नहीं ले जाए जा सकते? तब सुरक्षा कर्मियों ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और गैजेट को अलग से जांच के लिए दिया जाना चाहिए था। उन्होंने बताया कि बाद में अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया और मंत्री अपने दोनों लैपटॉप के साथ तुत्तुकुडी की उड़ान में सवार हुए।
दरअसल, मंत्री को लगा कि सुरक्षा अधिकारी कह रहे हैं कि वह दो लैपटॉप के साथ उड़ान में नहीं चढ़ सकते। हवाईअड्डे के अधिकारी ने कहा कि इस भ्रम को तुरंत सुलझा लिया गया। उन्होंने कहा कि केबिन बैगेज के रूप में एक व्यक्ति कितने लैपटॉप ले जा सकता है, इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है। यात्रियों की एक बड़ी शिकायत यह है कि सीआईएसएफ के जवान केवल हिंदी में बात करते हैं जबकि तमिलनाडु में बहुत से लोग उत्तर भारतीय भाषा नहीं जानते हैं।
यात्रियों का कहना है कि अगर सीआईएसएफ तमिल जानने वाले लोगों को हवाई अड्डों पर पोस्ट करता है, तो यह यात्रियों के अनुकूल कदम होगा। हालांकि, बहस की वजह से कुछ समय के लिए हवाई अड्डे पर अफरा-तफरी का महौल रहा।