ये है मामला
भाजपा और विहिप नेताओं के 47 सेकेंड के वीडियो में स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगाया गया कि छात्रा ने ईसाई धर्म अपनाने से इनकार कर दिया था जिसके बाद उसे परेशान किया जा रहा था। वीडियो में वह कहती है कि एक स्कूल प्रशासक ने दो साल पहले उससे ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहा था और मना करने पर प्रबंधन उसे परेशान कर रहा था। असत्यापित वीडियो में छात्रा कहती है कि दो साल पहले उन्होंने मेरे माता-पिता और मुझे ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि वे मेरी शिक्षा का ध्यान रखेंगे। इस सवाल पर कि क्या उसे धर्म परिवर्तन नहीं करने के लिए लक्षित किया गया था, तो वह कहती है, ‘हो सकता है। लडक़ी के माता-पिता ने भी धर्म परिवर्तन के आरोपों की जांच की मांग की है।
छात्रा ने जहर क्यों खाया
लडक़ी ने 7 जनवरी को अरियालूर जिले में स्कूल से घर जाने की अनुमति मांगी थी। स्कूल के अधिकारियों ने उसे यह कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया कि वह 10 जनवरी को अन्य छात्रों के साथ पोंगल त्योहार के लिए घर जा सकती है। हालांकि, 9 जनवरी को लडक़ी ने कीटनाशक खा लिया। अगले दिन वह घर गई और 11 जनवरी को पेट दर्द की शिकायत के बाद उसे उसके घर के पास एक स्थानीय क्लिनिक ले जाया गया। उसे दवा दी गई और वह उसी दिन घर वापस आ गई।
15 जनवरी को दर्द बढ़ गया और उसे तंजावुर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां एक विस्तृत जांच में पाया गया कि उसका लीवर गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। बुधवार रात को उसकी अस्पताल में मौत हो गई।
धर्मांतरण के आरोपों से पुलिस का इनकार किया
तंंजावुर की पुलिस अधीक्षक जी. रावली प्रिया ने बताया कि उन्हें 15 जनवरी को एक शिकायत मिली थी और न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने लडक़ी का बयान दर्ज किया गया था और एक स्कूल अधिकारी को गिरफ्तार किया गया था। लडक़ी की मौत के बाद अधिकारी पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। धर्मांतरण के आरोपों पर पुलिस ने कहा कि यह लडक़ी के बयान में लगाए गए कई आरोपों में से एक है और उसने बुरा व्यवहार किए जाने और घरेलू काम कराने जैसे आरोप भी लगाए हैं।
पुलिस ने कहा कि मजिस्ट्रेट के समक्ष लडक़ी के बयान में स्कूल के एक अधिकारी का नाम लिया गया, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया। हमने स्कूल के अन्य अधिकारियों और कई छात्रों से बात की है। धर्मांतरण की कोई शिकायत नहीं मिली है।