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मेडिकल कॉलेज के निर्माण में देरी, अस्पतालों में मेडिकल टीम की 30 फीसदी कमी

locationछतरपुरPublished: May 27, 2022 05:13:20 pm

Submitted by:

Dharmendra Singh

ग्रामीण इलाके में प्रथम श्रेणी डॉक्टर केवल दो, द्तिीय श्रेणी के 39 डॉक्टर कमजिला अस्पताल में भी प्रथम श्रेणी के 15 डॉक्टर कम, संविदा से चल रहा काम

गंभीर मरीज कर देते हैं रेफर

गंभीर मरीज कर देते हैं रेफर

छतरपुर। जिले में बनाए जाने वाला मेडिकल कॉलेज निर्माण का कार्य चार महीने की देरी से चल रहा है। वहीं जिला अस्पताल से लेकर ग्रामीण अस्पतालों में मेडिकल टीम की 30 फीसदी तक कमी है। जिले की 17 लाख 62 हजार 857 आबादी के लिए 36 प्राथमिक स्वाथ्य केन्द्र, 11 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और एक जिला चिकित्सालय है। लेकिन प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में न तो डॉक्टर न दवा मिलती है। यही वजह है कि जिला चिकित्सालय में मरीजों का दबाव अधिक हैं, रोजाना एक हजार से ज्यादा मरीज ओपीडी में आते हैं। मौसमी बीमारी के सीजन में ये संख्या 1०००से 1२00 तक रोजाना हो जाती है। जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है,अन्य स्टाफ भी पर्याप्त नहीं है। ऐसे में जिले की स्वास्थ व्यवस्था डगमगाई हुई है।
मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरु नहीं
मेडिकल कॉलेज का टेंडर हुए चार महीने से ज्यादा का समय बीत गया है। 216 करोड़ की लागत से 13 ब्लॉक वाला कैंपस 24 महीने में बनाया जाना है। मार्च 2024 तक कैंपस निर्माण के लिए ठेका कंपनी ने साइट ऑफिस भी बनाकर तैयार कर लिया है। विद्युत ट्रांसफॉर्मर भी बन गया है। लेकिन कैंपस की ड्राइंग अभी तक फायनल नहीं होने से मेडिकल कॉलेज का निर्माण ही शुरु नहीं हो सका है।

ब्लॉक स्तर पर स्वास्थ सेवाएं ज्यादा कमजोर
जिले भर में हर ब्लाक पर मौजूद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। इन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में फस्र्ट क्लास डॉक्टरों के 44 पद स्वीकृत हैं जिनमें से सिर्फ दो डॉक्टर ही मौजूद हैं। इसी तरह सेकेण्ड क्लास डॉक्टर के 79 पदों की स्वीकृति पर सिर्फ 40 पद भरे हुए हैं। एएनएम के 309 पदों की स्वीकृति पर 210 पदों पर ही तैनाती है। स्टाफ नर्स के मामले में 97 पदों की स्वीकृति पर 84 पदों पर तैनाती है। यदि संविदा पदों की बात करें तो 33 स्टाफ नर्सें एवं 125 संविदा नर्सें पूरे जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में तैनात हैं।
जिला अस्पताल में भी कमी
जिला अस्पताल पर जिले भर की स्वास्थ्य सेवाओं का भार रहता है लेकिन यहां भी हालात संतोषजनक नहीं है। यहां फस्र्ट क्लास डॉक्टरों के 35 पद हैं लेकिन इन पर सिर्फ 20 डॉक्टरों की तैनाती है। हालांकि सेकेण्ड क्लास डॉक्टरों के 26 पद भरे हुए हैं। सरकार ने पिछले दिनों 65 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर भर्ती किए थे लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं में इनका कोई उल्लेखनीय योगदान नजर नहीं आ रहा है।
गंभीर मरीज कर देते हैं रेफर
जिला में सबसे बड़ा अस्पताल जिला चिकित्सालय है, लेकिन वो भी गंभीर मरीजों के लिए रेफरल सेंटर बन गया है। जिलेभर के स्वाथ्य केन्द्रों से रेफर होकर आने वाले मरीजों और आपातकालीन सेवा में आने वाले मरीजों को झांसी,ग्वालियर रेफर कर दिया जाता है। जिले के स्वास्थ्य केन्द्र और जिला अस्पताल सिर्फ छोटी-मोटी बीमारियों के इलाज तक सीमित हैं। दुर्घटना या गंभीर बीमारी के आधा दर्जन मरीज को रोजाना रेफर कर दिया जाता है।

फैक्ट फाइल
जिले में कुल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र – 36
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र – 10
उप स्वास्थ्य केन्द्र – 257
मेडिकल टीम की कमी- लगभग 30 फीसदी

बॉक्स
जिले की कुल जनसंख्या 17,62,857
कुल ग्रामीण जनसंख्या 1,363,604
कुल शहरी जनसंख्या 399,253
कुल पुरुष 93,59,06
कुल महिलायें 82,69,51
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