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छतरपुर

संस्थाओं व जनप्रतिनिधियों से मिली एंबुलेंस के संचालन के प्रति स्वास्थ्य विभाग लापरवाह

जिले के अस्पतालों में 108 एंबुलेंस के भरोसे स्वास्थ्य अमला, मरीज के लिए मिलने वाली एंबुलेंस मात्र वीआईपी ड्यूटी तक ही सीमित

छतरपुरDec 19, 2023 / 06:28 pm

Unnat Pachauri

एनटीपीसी से मिली एंबुलेंस पर चस्पा बीआईपी की चिट

एनटीपीसी से मिली एंबुलेंस पर चस्पा बीआईपी की चिट

छतरपुर. जिले के जनप्रतिनिधि या जिले में काम कर रहीं संस्थाओं की ओर से स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार के लिए लगातार प्रयास में जुटे रहते हैं। पर इन प्रयासों का लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है। जहां इन सुविधाओं में जिला अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों को एंबुलेंस उपलब्ध कराई थी। लेकिन उन एंबुलेंस का आम लोगों को लाभ नहीं मिल पा रही है। ऐसे में १०८ एंबुलेंस के न मिलने पर मरीजों को निजी एंबुलेंस से बाहर इलाज के लिए जाना पड़ रहा है। वहीं विभाग को मिली एंबुलेंस बीआईपी ड्यूटी के दौरान ही चालू की जा रही हैं।
जिला अस्पताल में एनटीपीसी की ओर से पहले एंबुलेंस दी गई थी। जिसे मरीजों के परिजनों ेको कम राशि पर बाहर ले जाने के लिए ये एंबुलेंस उपलब्ध थी। लेकिन इस वाहन में आग लगने के बाद कुछ दिनों में फिर से एनटीपीसी एक और विभिन्न सुविधाओं से लैस बड़ी एंबुलेंस दी गई। जिसे विभाग की ओर से मरीजों के लिए उपयोग में नहीं दी जा रही है और वर्षों से उसे मात्र वीआईपी ड्यूटी के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। बाकी समय ये एंबुलेंस खड़ी रहती है। इसी तरह मंत्री पद के दौरान ललिता यादव ने एक एंबुलेंस वाहन उपलब्ध कराया था। जिसको भी विभाग ने मरीजों के लिए उपलब्ध नहीं कराया गया। इसी तरह अन्य जनप्रतिनिधी व संस्थाओं ने विभाग की दी एंबुलेंस मरीजों के काम नहीं आ रही हैं। एक निजी संस्था द्वारा महाराजपुर स्वास्थ्य केंद्र को कोविड-१९ के दौरान एक एंबुलेंस दी थी। जिससे जनता की परेशानी कम हो और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधा जल्द मिल सके। पर विभाग की लापरवाही के चलते महाराजपुर अस्पताल में खड़ी एंबुलेंस जर्जर हो रहीं है। इसी तरह अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में भी एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई हैं लेकिन उनका उपयोग मात्र वीआईपी ड्यूटी के दौरान ही किया जा रहा है और मरीजों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
अधिकारियों ने नहीं समझी अपनी जिम्मेदारी

गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग के पास आने वाले ऐसी एंबुलेंस को संचालित करने के लिए रेड क्रॉस की ओर से संचालन किया जाता है और इससे आने वाला मुनाफा भी यहां पर आता है। लेकिन अधिकारियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है और मरीजों को इन एंबुलेंस का लाभ नहीं दिया जाता है।
१०८ एंबुलेंस न मिलने पर निजी का सहाराजिला अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को रेफर करने के बाद उन्हें १०८ एंबुलेंस में कॉल करने की सलाह दी जाती है। लेकिन कई बाद १०८ एंबुलेंस व्यस्त होने के कारण लोगों को निजी वाहनों व निजी एंबुलेंस में भारी भरकम किराया देकर मरीज को ले जाना पड़ता है। वहीं ऐसे मामलों के लिए ही संस्थाओं व जनप्रतिनिधियों की ओर से उपलब्ध कराई गई एंबुलेंस को कम किराया लेकर मरीजों को उपलब्ध कराने की योजना विभाग की है। पर इसको लेकर कार्य नहीं किया जा रहा है।

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