करीब 30 साल पहले वन विभाग ने खसरा नंबर 293 की जमीन मप्र शासन को सौंपते हुए शासन के खसरा नंबर 300 को वन भूमि के रुप में अधिग्रहित कर लिया। जमीन की अदला बदली होने के बाद वन विभाग ने खसरा नंबर 300 पर अपने कार्यालय का निर्माण कर लिया। लेकिन राजस्व विभाग में सरकारी नंबरों की अदला बदली को अपडेट नहीं किया। इस बात का फायदा उठाते भू-माफियाओं ने राजस्व विभाग के कर्मचारियों से मिली भगत करके प्लॉटिंग कर ली। जब जिला प्रशासन ने अपनी जमीन का बस स्टैंड निर्माण के लिए सीमांकन किया तो मामला सामने आ गया।
बद्री प्रसाद तिवारी के बेटे राजेश, रिक्सापुरवा के श्यामलाल, घंसू अहिरवार, किशोरी रैकवार सहित कई खरीदारों ने ओरछा थाने में शिकायती आवेदन देते हुए जेल रोड के राजकुमार पटेरिया और आशुतोष तिवारी पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने का आवेदन देते हुए कार्रवाई की मांग की है। इसके अलावा इसके साथ ही गौरिहार के विनय कुमार, खौंप गांव के घंसू अहिरवार, गढ़ीमलहरा के किशोरी रैकवार, रिक्सापुरवा के श्याम लाल रैकवार व अन्य लोगों को सरकारी जमीन पर प्लॉट बेच गए। कुछ खरीदारों अपने प्लॉट में मकान तो कुछ ने बाउंड्री का निर्माण करते हुए कब्जा कर लिया।
मामला राजस्व विभाग का होने के कारण आरोपी और फरियादी को अपने-अपने दस्तावेज लाने के लिए कहा गया है। दस्तावेज आने के बाद उनकी जांच की जाएगी। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई की जाएगी।
अभिषेक चौबे, थाना प्रभारी, ओरछा रोड