104 साल की उम्र में ली अंतिम सांस, श्रद्धाजंलि देने पहुंचे लोग
स्वतंत्रता सेनानी काशीप्रसाद को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई, पुलिस, प्रशासन सहित समाज के हर वर्ग के लोग हुए शामिल
Took his last breath at the age of 104, people came to pay homage
छतरपुर. भारत की आजादी के लिए अंग्रेजों से लोहा लेने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी काशी प्रसाद महतो का सोमवार की रात लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। वह १०४ वर्ष के थे। मंगलवार को सुबह ११ बजे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। इस मौके पर पुलिस, प्रशासन के अधिकारियों सहित समाज के हर वर्गों के लोग शामिल हुए।
गढ़ीमलहरा में रहने वाले काशी प्रसाद महतो के निधन की खबर के बाद मंगलवार की सुबह सभी गढ़ीमलहरा में एकत्रित हुए। इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई, जो उनके निवास पुरानी सवारी बाजार से नए थाने के बगल में स्थित महतो की बगिया पहुंची। यहां राजकीय सम्मान के साथ सशस्त्र पुलिस बल के द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद उनके पुत्र ने मुखाग्नि दी।
इस मौके पर मौजूद वरिष्ठजनों ने काशी प्रसाद के जीवन के बारे में बताया कि उन्होंने लगातार अंग्रेजों के उत्तरदायी शासन के प्रति लड़ाई लड़ी और देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई। आप आजादी के पूर्व विंध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। महतो ने लगातार मतदान व स्वच्छता के प्रति जागरुकता के लिए अभियान चलाएं और उनकी दिनचर्या आज भी एक ही युवा के जैसी चल रही थी। उनकी अंतिम यात्रा नगर में प्रमुख मार्गों से निकली तो हर किसी की आंखें नम थीं। इस मौके पर महाराजपुर तहसीलदार आनंद कुमार जैन, गढ़ीमलहरा नगर परिषद सीएमओ जगदीश प्रसाद मिश्रा, एसडीओपी श्रीनाथ बघेल, गढ़ीमलहरा थाना प्रभारी स्वर्णप्रभा दुबे, पटवारी रामअवतार प्रशासनिक अमला के अलावा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के प्रभात अग्रवाल, शंकर सोनी, प्रभात तिवारी, दीपक गुप्ता, दीपक भुर्जी, मुकेश गुप्ता, चंद्रशेखर जैन सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे।
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