शहर के राव सागर तालाब, ग्वाल मंगरा तालाब, प्रताप सागर, रानी तलैया, किशोर सागर, सांतरी तलैया, विंध्यवासनी तालाब और हनुमान टौरिया के पीछे वाली तलैया के ग्रीन बेल्ट में मकान बना लिए गए हैं। तात्कालीन कलेक्टर राहुल जैन ने वर्ष 2012 में तालाबों के सीमांकन कराकार शहर के तालाबों पर अतिक्रमण के मामलों के चिन्हांकन कराए गए थे। ग्रीन बेल्ट पर अतिक्रमण रोकने और हटाने के लिए हाईकोर्ट के आदेश पर पूर्व कलेक्टर भी कार्रवाई के आदेश भी दे चुके थे। लेकिन कार्रवाई नहीं होने से तालाबों के ग्रीन बेल्ट धीरे-धीरे खत्म हो गए हैं। तालाबों तक पानी पहुंचाने वाले नालों को भी कब्जाकर खत्म कर दिया गया। जिससे तालाब गर्मी में सूखने लगे और शहर का जलस्तर लगातार गिर गया। पिछले पांच साल में दो बार ऐसा हुआ कि, जल स्तर 10 मीटर तक गिर गया। तालाबों को बचाने के लिए 2014 में लगाई गई जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने कार्रवाई करने के आदेश दिए, लेकिन कार्रवाई ठंड़े बस्ते में पड़ी थी।
शहर के सबसे बड़े प्रताप सागर में पानी पहुंचाने वाले दो बड़े नाले अतिक्रमण के कारण खत्म हो गए हैं। छत्रसाल चौक के पास अवस्थी कॉम्पलेक्स वाला नाला और महाराजा कॉलेज के सामने वाला नाला प्रताप सागर की लाइफ लाइन रहा है। सरकारी रिकॉर्ड में छतरपुर पटवारी हल्का के खसरा नंबर 3023 और 3027 में दर्ज दोनों नाला अब सूख गए हैं। अतिक्रमण के कारण महाराजा कॉलेज के सामने वाला नाला पूरी तरह से खत्म हो गया है, वहीं दूसरा नाला भी खत्म होने की कगार पर हैं। इसी तरह से किशोर सागर तालाब को जीवन देने वाला नाला छतरपुर पटवारी हल्का में खसरा नंबर 3107 में दर्ज है, ये नाला अतिक्रमण के कारण इस तरह से खत्म हो गया, कि नामो-निशान तक नहीं बचा है। इसी तरह से सागर रोड पर बगौता मौजा के खसरा नंबर 594 में एक बड़ा नाला दर्ज है। ये नाला भी अतिक्रमण के कारण लगभग खत्म हो गया है।
फैक्ट फाइल
तालाब का नाम रकबा अतिक्रमण के मामले मौजूदा स्थिति
राव सागर तालाब 10.50 एकड़ 8 पानी के सोत्र बंद, जलकुंभी
ग्वाल मंगरा तालाब 9 एकड़ 28 पानी के सोत्र बंद, जलकुंभी
प्रताप सागर 35 एकड़ 109 पानी के सोत्र बंद
किशोर सागर 8.50 एकड़ 14 प्राकृतिक सोत्र बंद, बदबूदार पानी
सांतरी तलैया 6 एकड़ 7 जलकुंभी, बदबूदार पानी
विध्ंयवासनी तलैया 3.50 एकड़ 7 पानी के सोत्र बंद