विश्व महिला दिवस विशेष छतरपुर. नारी शक्ति का स्वरुप हैं। क्योंकि नारी अपनी इक्छाशक्ति से बदलाव कर सकती है। ऐसा ही बदलाव जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर खोंप गांव की महिलाओं ने किया है। 12 महिलाओं ने हरि बगिया नाम से स्वसहायता समूह बनाया है। इस समूह ने अपनी मेहनत और प्रशासन के सहयोग से आर्गेनिक फ्रूट पार्क का तैयार किया है। इस पार्क के जरिए इन महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की दिशा में सार्थक कदम उठाने के साथ दूसरों के लिए एक नजीर बन गई हैं।
कलक्टर संदीप जीआर के प्रयास से खोंप गांव में 6 एकड़ की भूमि पर मियावाकी पद्धति से फ्रूट पार्क लगाया गया है। जिसका संचालन और देखरेख ग्राम के ही 12 सदस्यीय महिला स्वसहायता समूह हरि बगिया द्वारा की जा रही है। फ्रूट फॉरेस्ट में अमरूद, जामून, नींबू, कटहल, मुनगा के पौधो को रोपा गया है। जिसमें अब फल भी आना शुरू हो गए है। समूह की अध्यक्ष कौशल्या रजक ने बताया कि वे फ्रूट पार्क के पौधो की अच्छी ग्रोथ के लिए देशी खाद जीवामृत का प्रयोग किया जाता है। जिसे समूह की ही महिलाओं द्वारा तैयार किया जाता है। इसके अलावा पांच पत्ती खाद एवं बर्मीकम्पोस्ट भी बनाया जाता है। पौधो की सिंचाई अटल भू-जल योजना अंतर्गत ड्रिप इरीगेशन सिस्टम से की जाती है।
ग्राम की महिलाओं के लिए आर्थिक रूप से सशक्त बनने के दिशा में फ्रूट फोरेस्ट सार्थक सिद्ध हो रहा है। जिले में फ्रूट फॉरेस्ट की संख्या निरंतर बढ़ रही है। जो हमारे पर्यावरण की अनूकूलता का भी पर्याय बन रहा है और हमें प्रकृती को करीब से जानने का मौका दे रहा है। साथ ही हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है। आर्गेनिक प्रोडक्ट से बेहतर स्वास्थ के साथ आर्थिक विकास की राह खुली है।
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