प्रतिदिन 10 से 12 लोग बन रहे शिकार
जिला अस्पताल के आंकड़ों को देखा जाए तो एक से लेकर 12 मई तक 150 रैबीज इंजेक्शन पीडि़तों को लगाए जा चुके हैं। इससे प्रतिदिन का औसत 10 से 12 पीडि़तों का आता है, जिन्हें घायल अवस्था को देखते हुए एक से पांच इंजेक्शन लगाए जाते हैं। पीडि़त बता रहे हैं कि सुबह और शाम के समय सर्वाधिक श्वान काटने की घटनाएं हो रहीं हैं।
ससुर को काटा तो बहू ने की शिकायत
हाल ही में सर्वोत्तम नगर से एक बुजुर्ग गुजर रहे थे तो आवारा कुत्ते ने काट लिया। इसकी शिकायत विवेकानंद कॉलोनी में रहने वाली बहू ने सीएम हेल्पलाइन में की। उनके मुताबिक क्षेत्र में आवारा कुत्तों का आतंक है, जिन्हें पकडकऱ बाहर किया जाना चाहिए। इससे पहले वर्धमान सिटी में आवारा कुत्तों के घूमने की शिकायत हुई थी, जिस पर नगर निगम की टीम पहुंची थी।
ऐसे में कैसे मिले राहत
निगम की डॉग कैचर टीम कहीं से आवारा श्वानों को पकड़ती भी है तो उसका बधियाकरण व वैक्सीनेशन कर उसे वहीं छोड़ देती है। ऐसे में सवाल यह है कि ऐसे में शहरवासियों को राहत कैसे मिलेगी।
इनका कहना है
जिला अस्पताल में एक मई से 12 मई तक 150 रैबीज इंजेक्शन लगाए जा चुके हैं। आवारा श्वान गर्मी में विशेष परिस्थितियों के चलते लोगों को ज्यादातर शिकार बनाते हैं। इसका हर किसी को ध्यान रखना चाहिए।
-डॉ.सुशील दुबे, आरएमओ जिला अस्पताल