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छिंदवाड़ा

मानसून की देरी से इस बार पिछड़ गई खरीफ की बोवनी

मौसम : जिले में जून के दूसरे पखवाड़े में बोवनी शुरू कर देते हैं किसान

छिंदवाड़ाJun 19, 2019 / 12:13 pm

Rajendra Sharma

Due to dry condition in Rewa, sowing is not possible in kharif crop

Due to dry condition in Rewa, sowing is not possible in kharif crop

छिंदवाड़ा. मानसून की देरी से इस बार जिले में बोवनी का काम पिछड़ गया है। सामान्य तौर पर प्री-मानसून की बारिश के बाद प्राकृतिक पानी पर निर्भर रहने वाले किसान अपने खेतों मेंं दाना बिछा देते हैं। जिले में 25 से 30 प्रतिशत तक बोवनी का काम 15 से 30 जून तक हो जाता है। इस बार जिले में प्री-मानसून की हलचल भी नहीं हुई है। ऐसे में बोवनी का काम और पिछड़ रहा है।
जिले के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों जैसे हर्रई, अमरवाड़ा, तामिया में बोवनी का काम छोटे रकबे वाले किसान आधे जून के बाद खेतों में दिखने लगते थे। इस बार वे बारिश का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि जमीन बोवनी के हिसाब से नम न होने के कारण कृषि विभाग के अधिकारी भी किसानों को अभी बोवनी न करने की सलाह दे रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि मानसून के कुछ सक्रिय हो जाने के बाद देर से बोवनी करना किसानों के लिए अच्छा रहेगा।
किसानों को इंतजार करने की सलाह

कृषि विभाग के अधिकारी और वैज्ञानिक किसानों को अभी इंतजार करने के लिए कह रहे हैं। माससून के पहले की गतिविधियां न होने के कारण बोवनी कर खतरा मोल लेने से किसानों को मना किया जा रहा है। कृषि वैज्ञानिक ने कम से कम 100 मिमी बारिश के बाद ही बोवनी करने कहा है। इस बार किसानों को गहरी जुताई न करने की सलाह भी दी जा रही है। देर से बोवनी करने के साथ अंतवर्तीय फसल यानी एक साथ दो फसलें लगाने भी कहा जा रहा है। ध्यान रहे इस बार जिले में खरीफ बोवनी पांच लाख हैक्टेयर में करने का लक्ष्य दिया गया है।
पर्याप्त नमी के बाद ही बोवनी करें

विभाग के मैदानी अधिकारी कर्मचारी किसानों से सम्पर्क बनाए हुए हैं। उन्हें पर्याप्त नमी के बाद ही बोवनी की सलाह दी जा रही है। 15-20 दिन की देरी के बाद भी फसल अच्छी ली जा सकती है इसलिए किसानों को जल्दबाजी नहीं करने के लिए कहा जा रहा है। बीज बोने के लिए अभी पर्याप्त समय है इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है।
जेआर हेडाउ, उपसंचालक, कृषि विभाग
जब तक बोवनी के लायक पर्याप्त बारिश नहीं होती तब तक खेतों में दूसरी तैयारी करने किसानों को कहा जा रहा है। जहां एक इंच से ज्यादा बारिश हो गई है वहां खेतों को जोतकर तैयार रखने की सलाह किसानों को दी जा रही है। बीजों को उपचारित कर रखने कहा गया है जैसे ही बारिश शुरू होती है बोवनी किसान शुरू कर सकते हैं।
डॉ. विजय पराडकऱ, कृषि वैज्ञानिक

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