सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों रहे हैं सक्रिय
यहां भारतीय जनता पार्टी के विधायक नाना मोहोड़ हैं। वे अपने क्षेत्र से जुडे़ हैं। कांग्रेस की गतिविधियां यहां पिछले कुछ सालों में सांसद के आसपास ही केंद्रित रहीं हैं। सांसद कमलनाथ के दौरे यहां लगातार होते रहे हैं और उन्होंने पार्टी को सक्रिय बना रखा है। नानाभाऊ मोहोड़ पिछली तीन विधानसभा जीत चुके हैं अब चौथी बार फि र मैदान में हैं। नानाभाऊ मोहोड़ इस बीच एक बार प्रदेश केबिनेट में शिक्षा राज्यमंत्री भी रह चुके हैं। क्षेत्र पूरा कृषि पर आधारित है और व्यापार व्यवसाय की दृष्टि से महाराष्ट्र से जुड़ा हुआ है। नागपुर यहां से 60 किलोमीटर है। महानगर होने के कारण यहां से व्यापारिक गतिविधियां करना ज्यादा आसान लगता है। क्षेत्र में स्थानीय रोजगार के संसाधनों का विकास जैसे होना चाहिए वैसा नहीं हुआ है। कुटीर उद्योग खत्म हो गए तो सेज की जमीन को लेकर मामला विवाद में रहा। औद्योगिक क्षेत्र से कई इकाइयों में पिछले एक दशक में ताला लग गया है।
इन पर दिया जाना था ध्यान जो नहीं दिया
सौंसर किसी समय चंदेरी साड़ी के लिए भी प्रसिद्ध था। बुनकरों के हाथ की कलाकारी की तारीफ दूर-दूर तक होती थी, लेकिन सरकार की उपेक्षा के कारण यह व्यवसाय ठप हो गया। राजनीतिक तौर पर यहां के नेता जिले में सबसे ज्यादा सक्षम माने गए पर क्षेत्र के विकास में उनका जो योगदान होना चाहिए था वह नहीं दिखा। स्थानीय रोजगार अभी भी बड़ी समस्या है। क्षेत्र में संतरा और कपास की अच्छी पैदावार हो रही है, लेकिन इसके बावजूद जो नाम होना चाहिए था क्षेत्र का नहीं हो रहा। इन पर यदि गम्भीर हो जाए जनप्रतिनिधि तो क्षेत्र संवर सकता है। पिछले कुछ समय में कन्हान नदी और रेत घाटों से अवैध रेत उत्खनन एक बड़ा मुद्दा बना है। अवैध उत्खनन के लिए पूरे जिले में यह क्षेत्र बदनाम है। इस पर कोई रोक नहीं लगाई जा सकी।