छिंदवाड़ा. मध्यप्रदेश में खेती को हाईटेक तरीके से किया जा रहा है। एक के बाद एक आधुनिक उपकरणों का खेती में समावेश होने से खेती में लागत कम आ रही है और यह लाभ का धंधा बनता जा रहा है। अब खेतों में होने वाले कीटनाशकों का छिड़काव भी ड्रोन से करने की शुरूआत कर दी है। इससे निश्चित ही समय, श्रम और धन की बचत होगी साथ ही उत्पादन में भी वृद्धि होगी।
पहली बार कपास की फसल में ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव प्रदेश के सभी जिलों में अपनी अग्रिणता बनाते हुए आंचलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र चंदनगांव ने पहली बार कपास की फसल में ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव का सफल परीक्षण किया। केन्द्र के संचालक डॉ. विजय पराडकर के मार्गदर्शन में बायर कंपनी से तुषार घुले, विजय खाम्बरे, नीरज सिंह एवं कश्यप ठाकुर की टीम ने सफल परीक्षण किया। संचालक ने बताया कि दिन प्रतिदिन किसानों के लिए खेती करना महंगा होता जा रहा है। कम समय एवं कम लागत और समय पर कृषि श्रमिकों की उपलब्धता नहीं होने के कारण ड्रोन जैसे आधुनिक तकनीकी यंत्रों की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है।
बैंको की हड़ताल- 4 दिन बंद रहेंगे बैंक, 40 हजार कर्मचारी नहीं आएंगेकीटनाशक का छिड़काव एकरूप से हुआ इस परीक्षण में अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. गौरव महाजन, डॉ. शिखा शर्मा, एके राय उपस्थित थे। संचालक ने बताया कि इस परीक्षण में छिड़काव की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया गया, जिसमें सूक्ष्म रूप से यह अध्ययन किया गया कि कपास के समस्त पौधे पर (पौधे की उपरी पत्तियों, मध्यम पत्तियों एवं धरातल से लगी पत्तियों) कीटनाशक का छिड़काव एकरूप से हुआ। केन्द्र संचालक ने बताया कि इस प्रयोग को सफल बनाने के लिए सबसे पहले खेल का लैंड मेप फीड करना होता है, जिसके बाद यह जीपीएस तकनीकी की मदद से लैंड की पहचान कर वहां कीटनाशक का छिड़काव करता है। ड्रोन एक साथ पांच लीटर कीटनाशक ढो सकता है तथा चार मिनट में एक एकड़ खेत में कीटनाशक का परणीय छिड़काव कर सकता है।
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