पीजी कॉलेज में भूगोल एवं राजनीति शास्त्र विषय में सागर विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त शोध केन्द्र स्थापित था। इसके अलावा राजमाता सिंधिया गल्र्स कॉलेज में एक भी विषय का शोध केन्द्र नहीं था। जिले के इन दोनों ही प्रमुख कॉलेज में शोध केन्द्र हो जाने से विद्यार्थियों को काफी लाभ पहुंचेगा।
छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय में शोध केन्द्र के लिए अप्लाई करने वाले कॉलेजों को मान्यता तभी मिलेगी जब वे विश्वविद्यालय के मापदंड पर खरे उतरेंगे। विश्वविद्यालय को इन कॉलेजों में लाइब्रेरी, लैब, रिसर्च गाइड, ऑनलाइन रिर्सोसेज सहित अन्य बिन्दुओं को देखना है। इन सबकी व्यवस्था होने पर ही कॉलेजों को शोध केन्द्र बनाने की विश्वविद्यालय द्वारा अनुमति दी जाएगी।
इन कॉलेजों ने किया है अप्लाई
पीजी कॉलेज ने छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय को बॉटनी, कमेस्ट्री, फिजिक्स, भूगोल, राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, समाजशास्त्र, अंग्रेजी, इतिहास विषय में शोध केन्द्र बनाने के लिए निरीक्षण शुल्क जमा किया है। इसके अलावा राजमाता सिंधिया गल्र्स कॉलेज ने बॉटनी, जुलॉजी, हिंदी, होम साइंस विषय में, शासकीय परासिया कॉलेज ने इतिहास एवं कमेस्ट्री विषय में, शासकीय बिछुआ कॉलेज ने भूगोल एवं समाजशास्त्र विषय में एवं सिवनी जिले के बरघाट कॉलेज ने लाइब्रेरी साइंस विषय में रिसर्च केन्द्र बनाने के लिए अप्लाई किया है। सभी कॉलेज ने प्रति विषय 15 हजार रुपए भी निरीक्षण शुल्क के रूप में विश्वविद्यालय में जमा कराए हैं।
यूएस सालसेकर, कुलसचिव, छिंदवाड़ा विवि