हर साल विभाग करता है लेटलतीफी
ऐसा पहली बार नहीं है जब उच्च शिक्षा विभाग ने प्रवेश के लिए सात से आठ चरण की प्रक्रिया आयोजित की हो। पिछले वर्षो में भी ऐसा ही रहा है। यही वजह है कि विद्यार्थी कोर्स से पिछड़ जाते हैं। पूरे वर्ष कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया चलने से अध्यापन व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पाती। जानकारों का कहना है कि यही वजह है कि विद्यार्थियों में शिक्षा की गुणवत्मा की कमी हो जाती है।
जानकारों का कहना है कि उच्च शिक्षा विभाग को हर हाल में एक माह में प्रवेश प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो सत्र विलंब से नहीं चलेगा और समय पर पाठ्यक्रम पूरा हो जाएगा।
उच्च शिक्षा विभाग से परीक्षाओं की तिथि आगे बढ़ाने के लिए निवेदन किया जाएगा। जिन विद्यार्थियों ने अभी दाखिला लिया है या जोा कोर्स से पिछड़ गए हैं उनके लिए एक्स्ट्रा क्लास की व्यवस्था बनाई जाएगी। यह बात सही है कि अधिकतर समय प्रवेश प्रक्रिया में ही चला गया।