Farmer: फसलों में इस कीट के प्रकोप की संभावना, किसान इस उपाय से कर सकते हैं बचाव
आलू में विषाणु जनित रोग ओस के कारण से फैलने की संभावना है।
Farmer: फसलों में इस कीट के प्रकोप की संभावना, किसान इस उपाय से कर सकते हैं बचाव
छिंदवाड़ा. मौसम विभाग ने 29 दिसंबर तक मौसम का पूर्वानुमान जारी किया है। जिसके अनुसार अगले 120 घंटों में अधिकांश क्षेत्रों में मध्यम से साफ बादल रहने एवं वर्षा के नहीं होने की संभावना जताई गई है। इस दौरान अधिकतम तापमान 26-28 डिसे एवं न्यूनतम तापमान 8-9 डिसे के मध्य रहने की संभावना है। आने वाले दिनों में हवा पूर्व दिशा में बहने एवं हवा 6-10 किमी प्रति घंटे की गति से चलने की संभावना जताई गई है। मौसम को देखते हुए कृषि अनुसंधान केन्द्र, छिंदवाड़ा ने किसानों को फसलों के बचाव को लेकर सलाह दी है। जिसमें कहा गया है कि पिछले कुछ दिनों से बादल छाए रहने के कारण सरसों, मूली एवं सेम वर्ग की फसलों में एफीड कीट के प्रकोप की संभावना बढ़ गई है। ऐसे में किसान फसलों पर निगरानी रखें तथा अधिक प्रकोप होने की स्थिति में इमिडाक्लोरोफ्रिड 0.5 मी.ली. प्रति लीटर पानी के साथ छिडक़ाव करें। अनुसंधान केन्द्र द्वारा गेहूं, चना, सरसों, कपास, गन्ना फसल एवं उद्यानिकी फसलों के बचाव को लेकर भी सलाह दी गई है। जिसमें कहा गया है कि एक माह पुरानी आलू की फसल में किसान सिंचाई के बाद मिट्टी चढ़ाने और उर्वरक देने का कार्य करें। आलू में विषाणु जनित रोग ओस के कारण से फैलने की संभावना है। उसको ध्यान में रखते हुए उसकी रोकथाम हेतु मिथाइल डेमेटान(एक मिली/लीटर पानी) में घोलकर छिंडक़ाव करने की सलाह दी गई है। वहीं गेहूं की फसल में विभिन्न क्रांतिक अवस्थाओं में आवश्यकतानुसार सिंचाई करने एवं सिंचाई के बाद शेष बची यूरिया का छिडक़ाव अवश्य करने की सलाह दी गई है। किसान यूरिया का छिडक़ाव करते समय इस बात का ध्यान रखेंगे कि पत्तियों पर पानी न हो। गेहूं की फसल में सिंचाई 20 दिन के अंतराल पर करने की सलाह दी गई है। इस दौरान इस बात का किसानों को ध्यान रखना होगा कि खेत में जलभराव न होने पाए।
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