सिंचाई और पीएचई विभाग की खाली जमीन
नगर निगम की टीम ने वार्डों में जमीन की तलाश की तो निगम के स्वामित्व की कहीं जमीन नहीं मिल सकी है। इसके बाद टीम ने मेडिकल कॉलेज के सामने की जमीन देखी है। इस जमीन को मेडिकल कॉलेज निर्माण के समय सिंचाई और पीएचई विभाग से खाली कराया गया था। इस जमीन का इस समय कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है। नगर निगम के अधिकारी इस जमीन से सहमत हंै। इस बारे में मेडिकल कॉलेज की निर्माण एजेंसी पीआईयू और प्रशासन से संपर्क किया गया है।
शहर में अभी तीन रैन बसेरे
वर्तमान में नगर निगम के अधीन शहर में तीन रैनबसेरा है। ये कलेक्ट्रेट परिसर, नरसिंहपुर रोड जगन्नाथ स्कूल के पीछे और जिला अस्पताल में मौजूद है। निगम के मुताबिक इन रैनबसेरा में बेसहारा, श्रमिकों और बाहर से आने वाले व्यक्तियों को रुकने की सुविधा दी जा रही है।
दो मंजिला भवन में होगी हर सुविधा
करीब 6 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाला भवन दो मंजिला होगा। भूतल में महिला-पुरुष श्रमिकों के लिए 25-25 कक्ष बनेंगे तो इतने ही कक्ष ऊपरी मंजिल पर बनाए जाएंगे। इसमें आवास के साथ भोजन की व्यवस्था भी रहेगी। नगर निगम 25 हजार वर्गफीट में इसका निर्माण कराएगा।
जमीन के बारे में ये कहा था कलेक्टर ने
नगरीय प्रशासन विभाग का जब पत्र आया था, तब कलेक्टर ने कहा था कि मॉडल रैन बसेरा निर्माण के लिए मुख्यालय में आवश्यक 25 हजार वर्गफुट शासकीय भूमि का चिन्हांकन कर कलेक्टर, आयुक्त नगरपालिक निगम व जिला श्रम अधिकारी की जिला स्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। तब समिति के माध्यम से निर्माण प्रस्ताव मण्डल कार्यालय को भेजा जा सकेगा। इसका बजट भी श्रम कल्याण मण्डल से आएगा।
मेडिकल के सामने की जमीन देखी
निर्माण श्रमिकों के मॉडल रैन बसेरा के लिए मेडिकल कॉलेज के सामने की जमीन देखी गई है। इसके लिए प्रशासन से संपर्क किया गया है। जिस पर विचार-विमर्श कर आगे प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।विवेक चौहान, सहायक यंत्री नगर निगम