
जर्जर आवास
छिंदवाड़ा. शासकीय कर्मचारियों को शासकीय आवास की सुविधा दी जाती है लेकिन सुविधाओं के नाम पर शासकीय कर्मचारी ठगा जाता है। आवास तो सालों से खड़े है लेकिन उसका रखरखाव नहीं होने से वह रहने लायक नहीं बचे है। वर्तमान में कई आवास तो कई दशक पुराने है जो कि कंडम घोषित हो गए है जिन्हें तोड़ा जाना चाहिए। कई आवास तो अंग्रेजों के समय के है जिनमें अभी भी विभाग के कर्मचारी रह रहे है।
पीडब्ल्यूडी, शिक्षा व वन विभाग के आवास में वर्तमान में काफी जर्जर-जर्जर अवस्था में पहुंच गए है लेकिन फिर भी कर्मचारी व उनका परिवार उनमे रहने को मजबूर है। जिनके सुधार कार्य के लिए विभाग के पास बजट का टोटा बना हुआ है, जबकि अधिकारियों के बंगलों पर मनमाना बजट खर्च होता है।
Published on:
09 Jun 2024 12:52 pm
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