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छिंदवाड़ा

Historical Ramlila: बदलेगा इतिहास, इस बार राम-लखन से लेकर बहुत कुछ होगा नया-नया सा

रामलीला में प्रमुख पात्रों में दिखेंगे नए चेहरे

छिंदवाड़ाSep 19, 2019 / 12:34 am

prabha shankar

Chhindwara

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छिंदवाड़ा/ रामलीला में राम और लक्ष्मण दो ऐसे पात्र हैं जिनकी छवि दर्शकों की आंखों में स्थायी सी हो गई है। दो दशक से शहर की ऐतिहासिक रामलीला में अपनी मनमोहक मुस्कुराहट, शांत स्वभाव लिए मंच पर सबके लाड़ले बने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और उनका साथ देते भ्राता लक्ष्मण इस बार मंच पर दिखाई नहीं देंगे। वर्षों तक इस लीला के दौरान और इसके इतर भी लोगों के बीच लाड़ले और आदर का पात्र बने दोनों कलाकार अब ये भूमिकाएं नहीं निभाएंगे। इस बार इनकी जगह नए कलाकारों को अभिनय का मौका दिया जा रहा है।
दरअसल, सार्वजनिक रामलीला मंडल के आयोजक दो वर्षों से अपने मंचन में नए प्रयोग के साथ बदलाव कर रहे हैं। इसी के चलते इस बार यह निर्णय लिया गया है। इन दो प्रमुख पात्रों के अलावा सीता, सुग्रीव, भरत आदि का रोल भी बदला गया है। इस वर्ष 25 सितम्बर से छोटी बाजार स्थित रामलीला मंच पर रामलीला की शुरुआत होने वाली है। इसकी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। रामलीला को देखने के लिए हर वर्ष उमडऩे वाले दर्शक वर्षों बाद नए पात्रों को किस तरह स्वीकार करेंगे यह तो लीला के दौरान ही पता चलेगा।

22 वर्षों से वीरेंद्र और 11 वर्ष से ऋषभ निभा रहे थे भूमिका…
मंडल के सचिव बंटी महाराज ने बताया कि वीरेंद्र शुक्ल पिछले 22 वर्ष से राम की भूमिका निभा रहे थे तो लक्ष्मण के रूप में ऋषभ स्थापक 11 वर्षों से मंच पर अभिनय कर रहे थे। मंडल से जुड़े नए और युवा कलाकारों को आगे लाने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया और उसी के तहत पात्र बदले गए हैं। वीरेंद्र अब मंडल में निर्देशक की भूमिका में रहेंगे। हालांकि मंच से उनका नाता नहीं टूटेगा और वे राजा जनक की भूमिका में इस बार से दिखेंगे। ऋषभ लक्ष्मण के बजाए अब भरत का रोल करेंगे। सीता के रूप में मिंटू सराठे की फिर वापसी हुई है। वानर राज सुग्रीव के रूप में इस बार श्रीकांत द्विवेदी हाथ में गदा लेकर मंच पर अभिनय करेंगे।

15 दिन की कार्यशाला की गई आयोजित
गौरतलब है इस बार रामलीला में भाग लेने वाले सभी कलाकारों को 15 दिन का विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया। इसमें उन्हें अभिनय के गुरु भी सिखाए गए। दर्शकों को बांधे रखने के लिए कलाकार किस तरह से संवाद अदायगी करें यह भी सिखाया गया। गौरतलब है लाइट साउंड के बाद लीला के कुछ मुख्य प्रसंगों की आउटडोर शूटिंग भी की गई है जिन्हें मंचन के दौरान एलइडी पर दिखाया जाएगा जिससे इन विशेष प्रसंगों का जीवंत चित्रण होता दिखे।

कल मंडल की वार्षिक बैठक
शुक्रवार को मंडल की वार्षिक बैठक बुलाई गई है। इसमें पिछले साल के आयोजन और उसके आय-व्यय का ब्योरा रखा जाएगा। बैठक में मंडल के पदाधिकारी और कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित रहेंगे। बैठक में मंडल के कार्यक्रमों व आगामी दशहरा पर होने वाले रावण दहन कार्यक्रम की रूपरेखा भी तय की जाएगी।

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