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छिंदवाड़ा

तीन साल से यहां हो रहा ट्रेन का इंतजार, नए साल पर मिलेगी सौगात

नए वर्ष पर छिंदवाड़ा से नागपुर तक ब्रॉडगेज लाइन पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा।

छिंदवाड़ाJan 01, 2019 / 12:26 pm

ashish mishra

patrika

तीन साल से यहां हो रहा ट्रेन का इंतजार, नए साल पर मिलेगी सौगात


छिंदवाड़ा. नए वर्ष पर छिंदवाड़ा से नागपुर तक ब्रॉडगेज लाइन पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। यानी ट्रेन के लिहाज से छिंदवाड़ावासियों के लिए नया वर्ष खुशियों की सौगात लेकर आएगा। यात्रियों का छिंदवाड़ा से नागपुर तक बड़ी रेल लाइन पर ट्रेन से यात्रा करने का सपना नए वर्ष में परवान चढ़ जाएगा। हालांकि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल द्वारा भंडारकुंड से इतवारी तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य मार्च 2019 रखा गया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो कार्य को पूरा करने में मई तक का समय लग सकता है। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो फिर जून तक छिंदवाड़ा से नागपुर तक लोगों को बड़ी रेल लाइन पर ट्रेन की सुविधा का लाभ मिलने लगेगा। गौरतलब है कि वर्तमान में इतवारी से लेकर केलोद तक कुल 49 किलोमीटर की दूरी तक ट्रैक का कार्य पूरा हो चुका है। 12 जनवरी तक इस ट्रैक का निरीक्षण करने सीआरएस आ सकते हैं। सुरक्षा के बिंदुओं पर अगर ट्रैक खरा उतरा तो सीआरएस इस रेलमार्ग को सर्टिफाइड कर देंगे फिर अगली चुनौती केलोद से भिमालगोंदी और फिर भिमालगोंदी से भंडारकुंड ब्रॉडगेज लाइन की होगी। इन दोनों खंडों में गेज कन्वर्जन विभाग का कार्य तेज गति से चल रहा है। सूत्रों की मानें तो विभाग फरवरी माह में ही भंडारकुंड तक सीआरएस कराने पर विचार कर रहा है।
1 दिसंबर 2015 को अंतिम बार चली छुकछुक ट्रेन
एक दिसम्बर 2015 को छिंदवाड़ा से नागपुर तक छोटी लाइन पर ट्रेन का संचालन बंद कर दिया गया था। इसके पश्चात गेज कन्वर्जन विभाग द्वारा चरणबद्ध तरीके से गेज कन्वर्जन कार्य किया जा रहा है। छिंदवाड़ा से भंडारकुंड तक कुल 35 किमी रेलमार्ग पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो चुका है। अब गेज गन्वर्जन विभाग का अगला लक्ष्य इतवारी से केलोद रेलमार्ग है। तीसरे फेज में केलोद से भिमालगोंदी कुल 45 किमी एवं चौथे फेज में भिमालगोंदी से भंडारकुंड कुल 20 किमी रेलमार्ग पर मार्च 2019 तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य है।
सुरंग बनी थी चुनौती
छिंदवाड़ा से नागपुर गेज कन्वर्जन में गेज कन्वर्जन विभाग को भिमालगोंदी से भंडारकुंड तक कुल 20 किमी रेलमार्ग के कार्यों में चुनौती का सामना करना पड़ था। सबसे बड़ी चुनौती दो लंबी सुरंगों की थी। जिसमें से एक 750 मीटर एवं दूसरी 120 मीटर थी। दोनों का ही काम पूरा हो चुका है।
नागपुर तक 12 स्टेशन
छिंदवाड़ा से नागपुर के बीच छोटे-बड़े कुल 12 स्टेशन होंगे। इसमें छिंदवाड़ा, लिंगा, उमरानाला, भंडारकुंड, भिमालगोंदी, रामाकोना, सौंसर, लोधीखेड़ा, केलोद, सावनेर, खापरखेड़ा, इतवारी, नागपुर शामिल है।

तेज गति से चल रहा विद्युतीकरण
भंडारकुंड से नागपुर तक विद्युत ट्रेन चलाने के लिए विद्युतिकरण का कार्य भी तेज गति से चल रहा है। हालांकि गेज कन्वर्जन विभाग के कार्यों की वजह से कुछ अड़चनें भी आ रही हैं। सूत्रों की मानें तो सीआरएस के बाद विद्युतिकरण का कार्य पूरा करने में कम समय लगेगा।

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