एक दिसम्बर 2015 को छिंदवाड़ा से नागपुर तक छोटी लाइन पर ट्रेन का संचालन बंद कर दिया गया था। इसके पश्चात गेज कन्वर्जन विभाग द्वारा चरणबद्ध तरीके से गेज कन्वर्जन कार्य किया जा रहा है। छिंदवाड़ा से भंडारकुंड तक कुल 35 किमी रेलमार्ग पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो चुका है। अब गेज गन्वर्जन विभाग का अगला लक्ष्य इतवारी से केलोद रेलमार्ग है। तीसरे फेज में केलोद से भिमालगोंदी कुल 45 किमी एवं चौथे फेज में भिमालगोंदी से भंडारकुंड कुल 20 किमी रेलमार्ग पर मार्च 2019 तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य है।
छिंदवाड़ा से नागपुर गेज कन्वर्जन में गेज कन्वर्जन विभाग को भिमालगोंदी से भंडारकुंड तक कुल 20 किमी रेलमार्ग के कार्यों में चुनौती का सामना करना पड़ था। सबसे बड़ी चुनौती दो लंबी सुरंगों की थी। जिसमें से एक 750 मीटर एवं दूसरी 120 मीटर थी। दोनों का ही काम पूरा हो चुका है।
छिंदवाड़ा से नागपुर के बीच छोटे-बड़े कुल 12 स्टेशन होंगे। इसमें छिंदवाड़ा, लिंगा, उमरानाला, भंडारकुंड, भिमालगोंदी, रामाकोना, सौंसर, लोधीखेड़ा, केलोद, सावनेर, खापरखेड़ा, इतवारी, नागपुर शामिल है। तेज गति से चल रहा विद्युतीकरण
भंडारकुंड से नागपुर तक विद्युत ट्रेन चलाने के लिए विद्युतिकरण का कार्य भी तेज गति से चल रहा है। हालांकि गेज कन्वर्जन विभाग के कार्यों की वजह से कुछ अड़चनें भी आ रही हैं। सूत्रों की मानें तो सीआरएस के बाद विद्युतिकरण का कार्य पूरा करने में कम समय लगेगा।