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छिंदवाड़ा

Innovation: खेती के साथ यह काम किसानों को कर सकता है मालामाल

Innovation: आत्मा परियोजना के अंतर्गत बांटे बीज, कृषि विभाग कर रहा मछली पालन के लिए प्रेरित

छिंदवाड़ाOct 02, 2019 / 11:58 pm

prabha shankar

Chhindwara

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छिंदवाड़ा/ किसानों की आय दोगुनी करने के सरकारी प्रयासों के बीच मौसम की अनिश्चितता आड़े आ रही है। ऐसे में विभाग किसानों को खेती-किसानी से सम्बंधित अन्य विकल्पों से भी आय के संसाधन जुटाने के लिए जद्दोजहद कर रहा है। कृषि विभाग की आत्मा परियोजना के अंतर्गत अब किसानों को खेतों में अनाज उत्पादन के साथ ही मछली पालने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। ऐसे किसान जिन्होंने खेतों में सिंचाई के लिए सरकार की बलराम तालाब योजना के तहत तालाब बनवाए थे, अब उनमें वे मछली भी पालेंगे।

इसी क्रम में गत दिवस छिंदवाड़ा विकासखंड के लोनिया मारू में किसानों को मछली के बीज दिए गए। कृषि विभाग और आत्मा परियोजना के मैदानी कर्मचारियों ने गांव में जाकर किसानों को कृषि से जुड़े अन्य व्यवसायों के बारे में बताया। किसानों ने बलराम तालाब निर्माण जल संग्रहण के लिए किया था। इसका उपयोग वे खेती के काम में करते थे। अब इसके साथ ही मछली पालन भी किसान करेंगे। यहां के चार किसान उदल बाबूलाल, सुरजन धन सिंह, श्रीकृष्ण मोहनलाल और शिवनंदन सूरदास को मछली के बीज दिए गए।
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी दिनेश डेहरिया, आत्मा परियोजना के बीटीएम ज्योति डेहरिया, एटीएम स्वाति ने अपने हाथों से यह बीज किसानों को दिए। किसानों को बताया गया कि किस तरह तालाब के पानी से फसलों की सिंचाई के साथ मछली भी पाली जा सकती है। यह भी आय का एक अतिरिक्त साधन बन सकता है।
गौरतलब है कि वर्तमान में मौसम की अनिश्चितता के कारण कृषि कार्य जोखिम भरा हो गया है। कभी सूखे तो कभी अतिवृष्टि के कारण फसलें प्रभावित हो रहीं हैं। जिले में दो सालों से सूखे की स्थिति बनी रही। हालात ये हुए कि पिछले वर्ष रबी में गेहूं का उत्पादन एकदम से गिर गया। कई किसानों ने पानी न होने के कारण खेतों में अनाज बोया ही नहीं। इस बार जिले में असामान्य बारिश ने हालात खराब कर दी है। दलहन की फसलें पानी में बर्बाद हो गई हैं। खरीफ के उत्पादन में इस बार ज्यादा पानी से कमी होने की आशंका दिख रही है।

सम्भाग आयुक्त ने बैठक में की थी चर्चा
विगत दिनों सम्भाग आयुक्त राजेश बहुगुणा ने जिले में जिला प्रशासन और सम्बंधित विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। उसमें समन्वित कृषि प्रणाली की तरफ किसानों को जागरूक करने की बात कही गई थी। जिले में किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने तथा साल भर आर्थिक लाभ लेने के लिए कृषि के साथ-साथ उद्यानिकी, मत्स्य, पशुपालन और कृषि वानिकी आदि घटकों को समावेश किए जाने के लिए प्रोत्साहित करने का काम इस समय कृषि विभाग कर रहा है।

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